सुदर्शन क्रिया ( Sudarshan Kriya ) करने का तरीका और फायदे : आजकल शरीर को बीमारियों से मुक्त रखना एक चुनौती बन गया है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दिनचर्या में योग के कई आसन को शामिल करने की सलाह दी जाती है, जिसमें एक नाम सुदर्शन क्रिया का है। इसे करना बहुत आसान है, लेकिन फिर भी लोग इसे सही तरीके से नहीं कर पाते हैं। यही वजह है कि Osmgyan.in के इस लेख में आज हम Sudarshan Kriya क्या है व सुदर्शन क्रिया करने का सही तरीका क्या है, इसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही यहां सुदर्शन क्रिया करने के फायदे भी बताए गए हैं चलिए शुरू करते है।


सुदर्शन क्रिया क्या है – What is Sudarshan Kriya in Hindi


सुदर्शन क्रिया ( Sudarshan Kriya ) करने का तरीका और फायदे

  • Sudarshan Kriya सांस लेने की लयात्मक और शक्तिशाली श्वसन तकनीक है।
  • इसका नाम संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है.
  • जिसमें सु का मतलब सही और दर्शन का मतलब देखना होता है।
  • यह तनाव, थकान, नकारात्मक विचार, अवसाद जैसी मानसिक स्थितियों को दूर करने में सहायक हो सकता है।
  • इस योगासन को खासतौर से तनाव प्रबंधन के लिए किया जाता है।
  • सुदर्शन क्रिया करने के ओर भी कई फायदे हैं, जिनके बारे में लेख में आगे विस्तार से बात करेंगे।

Sudarshan Kriya करने के फायदे कई सारी स्वास्थ समस्याओं में देखे जा सकते हैं, जिसके बारे में हम नीचे विस्तार से बताने जा रहे हैं।


तनाव से मुक्ति


  • Sudarshan Kriya यानी सांस लेने की ये तकनीक तंत्रिका तंत्र को संतुलित रखने का एक अनोखा तरीका है.
  • जो मानसिक व तनाव संबंधी परेशानियां को कम कर सकता है।
  • एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर उपलब्ध एक अध्ययन में पता चलता है कि इसके नियमित अभ्यास से एंटीडिप्रेसेंट प्रतिक्रिया होती है.
  • जिससे कोर्टिसोल और एड्रेनोकॉर्टिकोट्रोपिक जैसे स्ट्रेस हार्मोन का स्तर कम हो सकता है।
  • इसके अलावा, सुदर्शन क्रिया का अभ्यास एल्कोहल के आदी लोगों में भी तनाव का स्तर कम कर सकता है।
  • इस आधार पर माना जा सकता है कि Sudarshan Kriya करने के फायदे में तनाव से राहत पाना शामिल है।

नींद में सुधार


  • नींद में सुधार के लिए Sudarshan Kriya का अभ्यास फायदेमंद हो सकता है।
  • दरअसल, अनिद्रा का एक कारण तनाव भी होता है.
  • वहीं लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि सुदर्शन क्रिया तनाव प्रबंधन में सहायक है।
  • यही वजह है कि सुदर्शन क्रिया योग के नियमित अभ्यास से तनाव दूर करने के साथ ही नींद की गुणवत्ता में भी सुधार हो सकता है।

कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में सहायक


  • कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए भी सुदर्शन क्रिया करने के फायदे हासिल किए जा सकते हैं।
  • एनसीबीआई पर उपलब्ध एक अध्ययन में चार महीने तक जिन लोगों ने नियमित रूप से सुदर्शन क्रिया का अभ्यास किया, उनके शरीर में न सिर्फ ब्लड शुगर के स्तर में कमी देखी गई, बल्कि टोटल कोलेस्ट्रॉल व ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर में भी कमी पाई गई।
  • ऐसे में माना जा सकता है कि दैनिक रूप से Sudarshan Kriya का अभ्यास कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने में सहायक हो सकता है।

उर्जा में सहायक


  • Sudarshan Kriya का नियमित रूप से अभ्यास करने से शरीर में उर्जा की बढ़ोत्तरी हो सकती है।
  • दरअसल शोध की मानें तो सुदर्शन क्रिया का निरंतर अभ्यास करने से शरीर में उर्जा की पुनस्थापना होती है.
  • जिससे व्यक्ति ऊर्जावान महसूस कर सकता है।
  • यही नहीं Sudarshan Kriya ध्यान व सतर्कता को बढ़ावा देने में भी सहायक हो सकती है ।

सुदर्शन क्रिया करने का तरीका – Sudarshan Kriya Karne Ka Tarika


Sudarshan Kriya योग में गर्दन को घुमाने से लेकर शोल्डर रोटेशन, पीकॉक आसन, स्विंग, हाफ मून स्ट्रेच, ब्रीद ऑफ जॉय, कैट पोज, बटरफ्लाई पोज, क्रैडल पोज, टिड्डी मुद्रा और पर्वत मुद्राएं शामिल हैं। इसे करने के लिए चार अलग-अलग चरण को पूरा करना होता है, जिसके बारे में हम नीचे विस्तार से बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं सुदर्शन क्रिया स्टेप्स क्या हैं:

 1. उज्जायी प्राणायाम (Victorious Breath): 
  • सबसे पहले ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं। यह एक स्लो ब्रीथ टेक्निक है।
  • इसे करते समय सांस लेते व छोड़ते समय पूरा ध्यान सांसों पर लगाएं।
  • इस तरह एक मिनट में कम से कम दो से चार बार सांस लेनी चाहिए।
  • इस क्रिया को करने से व्यक्ति में सतर्कता के साथ शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है।
 2. भस्त्रिका प्राणायाम (Bellow Breath):  
  • अब भस्त्रिका प्राणायाम करेंगे। यह डीप ब्रीदिंग टेक्निक है।
  • इसे करते समय सांस तेजी से अंदर ली जाती है और 1 मिनट में लगभग 30 बार सांस लेनी व छोड़नी होती है।
 3. ओम का जाप (Om Chanting):  
  • भस्त्रिका प्राणायाम के बाद, आंखों को बंद कर ध्यान लगाते हुए तीन बार ओम का जाप करें।
  • प्रत्येक मंत्र के बाद 15 सेकंड का विश्राम करें।
  • इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलने के साथ मन को शांति प्राप्त होती है।
 4. सुदर्शन क्रिया (Sudarshan Kriya): 
  • इसके बाद Sudarshan Kriya करेंगे, जिसे सांस पर नियंत्रण पाने की तकनीक के रूप में माना जाता है।
  • यह चक्रीय श्वास का एक अनूठा रूप है।
  • इसमें एक लय में सांसों की अलग-अलग गतिविधि की जाती हैं।
  • यही वजह है कि सुदर्शन क्रिया सीखने के लिए खास ट्रेनर की जरूरत पड़ती है।

सुदर्शन क्रिया के लिए कुछ सावधानियां – Sudarshan Kriya Ke Liye Kuch Savdhaniya


यहां हम कुछ सावधानियां बताने जा रहे हैं, जिसे सुदर्शन क्रिया करते समय ध्यान में रखना आवश्यक है।

  • Sudarshan Kriya एक सांसों की एक तकनीक है। ऐसे में अगर किसी तरह के श्वांस संबंधी विकार या समस्या से ग्रस्त हैं, तो यह अभ्यास ना करें।
  • Sudarshan Kriya करने से पहले किसी प्रमाणित योग ट्रेनर से परामर्श अवश्य लें व उनकी देखरेख में इसका अभ्यास करें।
  • गर्भावस्था के दौरान सुदर्शन क्रिया योग करने से पहले महिला को चिकित्सक की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।
  • मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को इस क्रिया को डॉक्टर के परामर्श के बाद ही करना चाहिए।
  • खाना खाने के तुरंत बाद सुदर्शन क्रिया को कभी भी ना करें।
  • सुबह के समय खाली पेट योग ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
  • खुली हवा व स्वस्च्छ जगह पर पर योगा मैट बिछाकर योग करें।

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