भारत देश में कई लोग ऐसे हैं, जो नोकरी करके संतुष्ट है पर कुछ लोग ऐसे भी है जो खुद का बिजनेस करना चाहते हैं।
ऐसे लोगों के लिए Gas Agency Kaise Khole ? एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप बिजनेस करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
गैस एजेंसी कैसे खोले ? एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर बन कर आप कम इन्वेस्टमेंट में अच्छी कमाई भी कर सकते हैं। आज हम आपको बताएँगे की आप कैसे एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर बन सकते है और इसके लिए आपको क्या क्या करना होगा, कितना इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा और कैसे भारत में ऑयल कंपनियां डिस्ट्रीब्यूटर का चुनाव करती हैं।
सबसे पहले आप को बताते है कि एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप कितने साल की होती है,
HP Gas और BHARAT GAS की डिस्ट्रीब्यूटरशिप पहले 10 साल की होती है।
और बाद में इसे आपको हर 5 साल बाद Renew करना पड़ेगा।
और अगर बात करे इंडेन गैस तो इंडने गैस की डिस्ट्रीब्यूटरशिप 10 साल की होती है।
उसके बाद डिस्ट्रीब्यूटरशिप की अवधि एग्रीमेंट के मुताबिक रहती है।
एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर बनाने के लिए योग्यता:
अगर आप एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर बनना चाहते है तो आपका भारतीय होना जरूरी है।
कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर बन सकता है चाहे वो आदमी हो या फिर औरत।
Applicant को कम से कम 10th पास होना चाहिए है।
जो लोग Freedom fighter की कैटेगरी में आते है तो उनको इसमें कुछ छूट या राहत मिलती है।
Applicant की आयु 21 साल से कम नही होना चाहिए और न 60 साल से ज्यादा होनी चाहिए।
जो भी अप्लाई करता है वो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के कर्मचारी के फैमिली का मेंबर नहीं होना चाहिए।
साथ ही साथ उसका कोई भी पुलिस केस नही होना चाहिए।
गैस एजेंसी खोलने के लिए सिलेक्शन कैसे होता है:
भारत की तीनों सरकारी कंपनियां भारत गैस, इंडेन गैस और एचपी गैस Gas Agency डिस्ट्रीब्यूटर या डीलर बनाने के लिए न्यूज़ पेपर में और कंपनियों की वेबसाइट पर विज्ञापन देती और नोटिफिकेशन भी जारी करती हैं।
इस विज्ञापन में डिस्ट्रीब्यूटरशिप से सम्बंधित सारी जानकारी होती है जैसे की डिस्ट्रीब्यूटरशिप कहा कि लिए हैआदि .
भारत में डिस्ट्रीब्यूटर्स 4 कैटेगरी के तहत आते हैं- शहरी (Urban), अर्धशहरी (semi Urban), ग्रामीण (rural) और Inaccessible दुर्गम क्षेत्र।
आपको सबसे पहले www.lpgvitarakchayan.in पर जाना होगा वहाँ जाकर आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा.
आपको एप्लीकेशन फीस के साथ ऑनलाइन फॉर्म भी सबमिट करना होता है।
आप एक आवेदन में केवल एक ही जगह के लिए अप्लाई कर सकते है।
अगर आप एक से ज्यादा जगह या लोकेशन के लिए आवेदन करना चाहते है,
तो आपको अलग-अलग आवेदन करने होंगे और इसके लिए फीस भी अलग-अलग देनी होगी।
आवेदन करने के बाद लॉटरी के द्वारा डिस्ट्रीब्यूटर का चयन किया जाता है।
लॉटरी में जिन लोगों का नाम लिस्ट में आएगा उन्हें फिर आगे की प्रोसेस पूरी करने के लिए उन्हें ईमेल और फोन के जरिए बुलाया जाता है।
गैस एजेंसी खोलने के लिए कितना सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा करना पड़ेगा:
अगर आपका सिलेक्शन हो जाता है तो आपको कुछ दिन के अंदर जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ सिक्योरिटी डिपॉजिट का 10℅ जमा करना पड़ेगा।
सिक्योरिटी डिपॉजिट ब्याज रहित और रिफंडेबल होता है।
शहरी (Urban), अर्धशहरी (semi Urban) डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए टोटल सिक्योरिटी डिपॉजिट 5 लाख रुपए है,
और ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्र के डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए 4 लाख रुपए होता है।
अगर आप रिजर्वेशन वाली कैटेगरी में आते है तो आपके लिए डिपॉजिट का अमाउंट थोड़ा कम होता है।
अपॅाइंटमेंट लेटर मिलने तक आपको पूरा सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा करना पड़ेगा।
एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप या Gas Agency डीलरशिप के लिय आपको एलपीजी सिलेंडर रखने के लिए आपकी जगह यानि की गोदाम का इंतजाम करना पड़ेगा।
और गोदाम का इंतजाम आपको ऐसी जगह पर करना होगा, जहां किसी भी मौसम में एलपीजी सिलेंडर ट्रक आ सके और आसानी से जा सके और वहाँ पर सड़क कनेक्टिविटी उपलब्ध होना जरूरी है।
अगर आप ऐसा नहीं कर पाते तो आपको एलओआई मंजूर करते समय इस बात की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी कि आप ये सारे इंतजाम तय समय सीमा के अंदर कर देंगे।
और अगर आप ऐसा नहीं कर सके तो एलओआई कैंसल कर दिया जाएगा और आपने जो 10% सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा किया है वो भी जब्त कर लिया जायेगा।
चुने गए सभी डिस्ट्रीब्यूटर्स को बताये गए स्टैंडर्ड लेआउट के मुताबिक एलपीजी शोरूम को भी बनाना पड़ेगा।
गैस एजेंसी खोलने के लिए लोकेशन कैसे अप्रूव होती है:
डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए लोकेशन अप्रूव रीफिल सेल पोटेंशियल के मुताबिक होती है।
ये पोटेंशियल प्रति व्यक्ति खपत, घरों की संख्या, एलपीजी कवरेज और मौजूदा प्रस्तावित पीएनजी कनेक्शंस के आधार पर होती है।
कंपनियां फील्ड वेरिफिकेशन के बाद उम्मीदवार को लेटर ऑफ इंटेंट प्रदान करती हैं।
लेटर ऑफ इंटेंट मिलने के बाद उम्मीदवार को ट्रेनिंग दी जाती है.
उम्मीदवार को 80% मार्क्स के साथ एक प्री-कमीशनिंग टेस्ट पास करना होता है।
अगर उम्मीदवार इतने मार्क्स नहीं ला पाता तो उसे फिर से ट्रेनिंग दी जाती है और उसे दोबारा ये टेस्ट देना होता है।
उम्मीदवार को कमीशनिंग से पहले लेटर ऑफ अपॉइंटमेंट जारी किया जाता है और एक एग्रीमेंट भी कराया जाता है।
गैस एजेंसी खोलने के लिए ओनरशिप के नियम:
गोदाम ओर शोरूम एप्लिकेंट या उसके फैमिली मेंबर्स जैसे माता-पिता, भाई-बहन के नाम पर हो सकता है।
परिवार वालों के नाम पर स्वामित्व होने पर उनकी तरफ से किसी भी प्रकार का ऑब्जेक्शन न होने का डिक्लेरेशन होना चाहिए।
एप्लिकेंट द्वारा ऑफर की गई गोदाम और शोरूम की जगह ऑयल कंपनियों के मानदंड को पूरा नहीं करती है,
तो एप्लिकेंट किसी और जगह को भी ऑफर कर सकता है।
दोस्तों और सबसे जरूरी बात ये है कि डिस्ट्रीब्यूटर को खुद ही अपनी Gas Agency को संभालना होगा।
अगर आवेदक कोई नोकरी कर रहा है तो अपॉइंटमेंट लेटर प्राप्त करने से पहले उसे नौकरी छोड़नी होगी और जब तक डिस्ट्रीब्यूटरशिप रहेगी वो नोकरी नही कर सकता है।
दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। और मुझे बहुत ख़ुशी होगी अगर ये आर्टिकल आपके थोड़े भी काम आ सके धन्यवाद ।
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