kapalbhati pranayama ke fayde or karne ka tarika : अगर आप घर और ऑफिस के बीच दिनभर होने वाली भाग-दौड़ के बाद खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर थका हुआ महसूस करते हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है। अगर आप व्यस्त दिनचर्या में अपने शरीर और मन को शांत रखना चाहते हैं, तो योग अच्छा विकल्प है। साथ ही स्वयं को ऊर्जावान बनाए रखने और शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के लिए भी योग पर विश्वास किया जा सकता है। इस मामले में kapalbhati pranayama से बेहतर कुछ नहीं है।

हालांकि, आपने कई लोगों को कहते सुना होगा कि ‘योग हमसे न होगा’, लेकिन kapalbhati pranayama के फायदे जानकर आप भी यही कहेंगे कि ‘योग से ही होगा’। इस लेख में हम न सिर्फ आपको kapalbhati pranayama के लाभ बताएंगे, बल्कि kapalbhati करने का तरीका भी बताएंगे।

इससे पहले कि आप कपालभाति योग कैसे करें यह जानें, आपके लिए यह जानना जरूरी है कि योग क्या है? नीचे हम उसी के बारे में बता रहे हैं। चलिए विस्तार से बात करते है Osmgyan.in के इस लेख में


Yoge Kya Hai 


  • योग प्राचीन काल से किया जाने वाला एक अभ्यास है.
  • जो न सिर्फ मनुष्य के शरीर को आराम देता है.
  • बल्कि मन को भी शांत करता है।
  • इसमें कई आसनों का उल्लेख आता है और kapalbhati pranayama उन्हीं में से एक है।
  • इस लेख के पढ़ने के बाद आपको कपालभाति प्राणायाम के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल जाएगी।

Kapalbhati Pranayama Kya Hai – Kapalbhati in Hindi


  • kapalbhati को प्राणायाम का एक हिस्सा माना गया है।
  • इसमें तेजी से सांस छोड़ने की प्रक्रिया की जाती है.
  • जिससे विभिन्न बीमारियों का इलाज हो सकता है।
  • अगर यह कहें कि कपालभाति शरीर को अंदर से साफ करने का तरीका है , तो गलत नहीं होगा।
  • kapalbhati दो शब्दों से मिलकर बना है ‘कपाल’ यानी ‘माथा/ललाट’ और ‘भाति’ जिसका अर्थ है ‘तेज’।
  • kapalbhati करने से शरीर के सभी अंग सही प्रकार से कार्य करने में सक्षम होते हैं और खून को शुद्ध करने में भी मदद मिलती है।
  • ऐसा कहा जाता है कि नियमित तौर पर कपालभाति करने से दिमाग शांत होता है और व्यक्ति के माथे पर उसकी चमक दिखने लगती है।
  • नीचे Video देख कर आप सीख सकते है की Kapalbhati Pranayama कैसे कर सकते है…

 Kapalbhati Pranayama 


Kapalbhati Pranayama Ke Prakar – Types of Kapalbhati in Hindi


कपालभाति प्राणायाम तीन प्रकार के होते हैं।

  1.  वातक्रम कपालभाति  इसमें व्यक्ति सीधे ध्यान की मुद्रा में बैठकर अपनी एक उंगली से एक नासिका छिद्र को बंद करके दूसरी नासिका छिद्र से सांस खींचता है और तुरंत ही दूसरी तरफ की नासिका छिद्र को बंद करके सांस छोड़ता है।
  2.  व्युत्क्रम कपालभाति  इस योग में व्यक्ति नाक से गुनगुना पानी खींचता है और मुंह से निकालता है।
  1.  शीतकर्म कपालभाति  यह व्युत्क्रम कपालभाती का उल्टा है। इसमें पानी को मुंह में लेकर नाक से बाहर निकाला जाता है।

अब आपका प्रश्न होगा कि कपालभाति प्राणायाम कैसे करें, तो आगे हम कपालभाति करने का तरीका ही बता रहे हैं।

Kapalbhati Pranayama Karne Ka Tarika – Kapalbhati Steps in Hindi


कपालभाति प्राणायाम को आप हमेशा सुबह करें, क्योंकि सुबह का माहौल शांत और शुद्ध होता है। इससे आपको ज्यादा फायदा मिलेगा। ध्यान रहे कि कपालभाति करने से पहले और बाद में थोड़ी देर तक कुछ न खाएं। यहां हम वातकर्म, व्युत्क्रम और शीतकर्म कपालभाति को करने के तरीके बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं।


  • कपालभाति प्राणायाम करने से पहले बैठने के लिए साफ और स्वच्छ योग मैट या कोई चादर बिछा लें।
  • अब आप पद्मासन, सुखासन या वज्रासन किसी भी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।
  • अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए ध्यान की मुद्रा में बैठें।
  • अब अपने मन की सारी चिंताओं को भूल जाएं।
  • अब गहरी लंबी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ दें। ऐसे कम से कम दो बार जरूर करें।
  • फिर नाक से सांस को बाहर की ओर निकालें। जब सांस को बाहर निकालें, तो पेंट को अंदर की ओर खींचें।
  • ऐसा आपको लगातार करना है। बीच में रुकना नहीं है। साथ ही ध्यान रहे कि मुंह को बंद रखें। उससे न तो सांसा छोड़ें या लें।
  • सिर्फ नाक से ही सांस को बाहर छोड़ना है और हल्की-हल्की सांस नाक से ही लेनी है।
  • ऐसा 15 से 20 बार करने से कपालभाति प्राणायाम का एक राउंड होता है।
  • आप ऐसे तीन राउंड कर सकते हैं और फिर थोड़ी देर सुखासन की मुद्रा में बैठकर ध्यान लगाएं। इससे आपके शरीर और मन को आराम मिलेगा।

व्युत्क्रम कपालभाति 


  • एक बर्तन को गुनगुने पानी से भर लीजिए और उसमें एक चम्मच नमक मिलाएं। ध्यान रहे कि नमक अच्छी तरह से पानी में घुल जाए।
  • इसके बाद सीधे आरामदाय मुद्रा में खड़े होकर आगे की ओर झुकें।
  • फिर पानी को हाथ की अंजुलि में भरकर नाक से खीचें।
  • अब इस पानी को मुंहे के रास्ते बाहर निकालें।
  • इस प्रक्रिया को अपनी सुविधा के अनुसार 2-4 बार करें।
  • पूरी प्रक्रिया को करने के बाद नाक को अच्छी तरह से सुखा लेना जरूरी है। इसलिए, वातक्रम कपालभाति जरूर करें।

शीतक्रम कपालभाति 


  • एक बर्तन में गुनगुना पानी भर लें और उसमें एक चम्मच नमक घोल दें।
  • अब सीधे आरामदायक मुद्रा में खड़े होकर आगे की ओर थोड़ा झुकें।
  • इसके बाद बर्तन से पानी को अंजुलि में लेकर मुंह में पानी भर लीजिए। ध्यान रहे कि पानी को पीना नहीं है, बल्कि ऊपर की ओर खींचते हुए नाक से बाहर निकालना है।
  • ऐसा आप 2-3 बार कर सकते हैं।
  • फिर आप नाक को अच्छी तरह सुखा लें। आप वातक्रम कपालभाति प्रक्रिया से नाक को अच्छी तरह सुखा सकते हैं।

कपालभाति योग कैसे करें, यह जानने के बाद अब कपालभाती प्राणायाम के फायदे भी जान लेते हैं।


Kapalbhati Pranayam Ke Fayde – Kapalbhati Pranayama Benefits in Hindi


कपालभाति प्राणायाम के लाभ कई हैं, जिनमें से कुछ हम नीचे बता रहे हैं :

  • कपालभाति करने के दौरान सांस को खींचने और छोड़ने की प्रक्रिया से शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है।
  • ऐसा होने से शरीर कई तरह की बीमारियों से बच सकता है।
  • प्रतिदिन कपालभाति का अभ्यास करने से सांस लेने की सही प्रक्रिया का ज्ञान हो जाता है।
  • ऐसा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि व्यस्त दिनचर्या के कारण सभी की सांस लेने की गतिविधि छोटी होती जा रही है।
  • इस कारण से ह्रदय संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • कपालभाति में लंबी सांस को भरा और छोड़ा जाता है.
  • जिस कारण जीवन को स्वस्थ रखना आसान हो जाता है।
  • शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उसमें लगातार जमने वाले विषैले पदार्थों को बाहर निकालना भी जरूरी है।
  • कपालभाति प्रणायाम से न सिर्फ रक्त प्रवाह में सुधार होता है.
  • बल्कि इससे शरीर डिटॉक्सीफाई भी होता है।
  • इसके उपयोग से आपके फेफड़े और श्वसन तंत्र भी डिटॉक्सीफाई हो सकते हैं और आपको ताजगी महसूस होगी।
  • जिन्हें मधुमेह है या होने का खतरा है.
  • उन्हें कपालभाति से फायदा हो सकता है।
  • कपालभाति प्राणायाम करके ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखा जा सकता है।
  • बढ़ता वजन आजकल हर किसी के लिए सिरदर्द बन गया है।
  • घंटों जिम में वक्त और पैसा बर्बाद करने पर भी परिणाम कुछ खास नहीं होते हैं। ऐसे में योग अच्छा विकल्प हो सकता है।
  • आप कपालभाति प्राणायाम को अपने जीवनशैली में शामिल करके अपना वजन कम कर सकते हैं।
  • साथ ही साथ आपको अपनी डाइट का भी खास ध्यान रखना होगा।
  • ज्यादा तेल-मसाले वाला और बाहरी खाना खाने से लोग पेट और पाचन संबंधी समस्याएं झेल रहे हैं।
  • ऐसे में अगर दवाइयों के साथ-साथ कपालभाति प्राणायाम किया जाए, तो इन समस्याओं से राहत मिल सकती है।
  • कपालभाति फेफड़ों के लिए भी अच्छा योग है,
  • इससे श्वसन प्रणाली स्वस्थ होती है।
  • आजकल प्रदूषण और मौसम के कारण किसी को भी अस्थमा या दमा जैसी सांस संबंधी समस्या हो सकती हैं।
  • ऐसे में कपालभाति करने से इन समस्याओं से बचा जा सकता है।
  • इससे साइनस, ब्रोंकाइटिस संक्रमण और रायनाइटिस जैसी बीमारियों में आराम मिलता है ।
  • आजकल तनाव की समस्या किसी को भी हो सकती है।
  • ऐसे में कई बार लोग एंटी-डिप्रेसेंट दवाइयों के आदी हो जाते हैं, जो सही नहीं है।
  • इस स्थिति में श्वास संबंधी योग अच्छा विकल्प है।
  • यह मन को शांत कर तनाव को कम करने में सहायक हो सकता है।
  • मस्तिष्क के लिए भी योग बहुत जरूरी है।
  • प्राणायाम करने से मनुष्य का दिमागी विकसित हो सकता है और अन्य मस्तिष्क संबंधी समस्याओं से बचाव हो सकता है।
  • कपालभाति मस्तिष्क के लिए भी बहुत जरूरी है।
  • इसे करने से व्यक्ति का दिमाग न सिर्फ तेज होता है, बल्कि बौद्धिक क्षमता का भी विकास हो सकता है ।
  • कपालभाति से एसिडिटी व गैस जैसी समस्याओं से भी राहत मिल सकती है।
  • इसलिए, अगर आपको भी पेट संबंधी समस्या है.
  • तो आप प्रतिदिन कपालभाति प्राणायाम करने की आदत डाल लें।
  • आपकी त्वचा के लिए भी योग अच्छा विकल्प है।
  • कपालभाति करने से आपका मन शांत रहेगा, जिसकी चमक आपके चेहरे पर दिखने लगेगी।
  • आपका चेहरा और आपकी त्वचा खिलीखिली व जवां दिखने लगेगी।
  • बालों का झड़ना आजकल एक आम समस्या बन चुकी है।
  • इसके लिए लोग कई तरह के शैंपू, तेल और अन्य इलाज भी करते हैं.
  • लेकिन शायद आपको जानकर हैरानी होगी कि योग भी झड़ते बालों के लिए असरदार उपाय हो सकता है।
  • आप बालों के लिए कपालभाति प्राणायाम का सहारा ले सकते हैं।

कपालभाति प्राणायाम दिन में कितनी बार करना चाहिए – Kapalbhati Pranayam Din Mein Kitne Baar Karna Chahiye 


रोज कम से कम 20 मिनट कपालभाति प्राणायाम जरूर करे , यह आप दृढ़ संकल्प अवश्य करें।


कपालभाति से कौन कौन से रोग ठीक होते हैं – Kapalbhati Se Kon Kon Se Rog Theek Ho Sakte Hai 


ये क्रिया सांस के साथ की जाती है, इसलिए इसे प्राणायम कहते हैं। यदि सही तरीके से किया जाए, तो यह आपके दिमाग को शांत रखने के साथ 100 से भी ज्यादा बीमारियों से छुटकारा दिलाता है। अपने इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए नियमित रूप से कपालभाति करना फायदेमंद साबित होता है।


 

 

 

 

 


Kapalbhati Karne Ke Liye Kuch Tips – Tips for Kapalbhati in Hindi


कपालभाति योग कैसे करें और इसके फायदे जानने के बाद आपको लग रहा होगा कि इसका कोई नुकसान नहीं है, लेकिन ध्यान रहे कि जो चीज फायदा करती है, वो नुकसान भी कर सकती है। कपालभाति से हानि न हो उसके लिए हम आपको कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं, जो आपके लिए जानना जरूरी हैं।

  1. जो लोग पहली बार योग कर रहे हैं, वो कपालभाति को किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही शुरू करें।
  1. जिनको हाई ब्लड प्रेशर, मिर्गी, ह्रदय संबंधी समस्या और माइग्रेन है, वो कपालभाति प्राणायाम करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  1. अगर आप गर्भवती हैं, तो कपलभाति करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  1. कपालभाति करने के कुछ देर पहले और बाद में कुछ खाए-पिएं नहीं।
  1. जिन्हें दमा की शिकायत है, वो सावधानी से कपालभाति प्राणायाम करें।
  1. मासिक धर्म के दौरान भी कपालभाती करने से बचें।
  2. जिन लोगों के नाम से खून आने की समस्या है, उन्हें कपालभाति नहीं करना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1. कपालभाति से पेट कम होता है क्या?

कपालभाती को जीवन संजीवनी कहा जाता है। यह सबसे कारगर प्राणायाम है। इससे आपके पेट का फैट तेजी से कम होता है।

2. कपालभाति कब कर सकते हैं?

आपको सुबह के समय कपालभात‍ि करना चाह‍िए क्‍योंक‍ि इस प्राणायाम को करने से शरीर को एनर्जी म‍िलती है.

3. कपालभाति खाना खाने के कितनी देर बाद करना चाहिए?

परिवार के साथ गपशप करते हुए भी इस आसन में बैठ सकते हैं। यह सबसे आसान आसनों में से एक है लेकिन इसके फायदे अनेक हैं.आमतौर पर माना जाता है कि योगासन खाना खाने के 4 घंटे बाद ही करने चाहिए

4.कपालभाति से कितनी कैलोरी खर्च होती है?

रिसर्चरों ने पाया कि इस एक्सरसाइज में प्रति मिनट 13 कैलोरीज बर्न होती है. यह वर्कआउट 20 मिनट तक किया जाता है, इसलिए औसतन कुल 260 कैलोरीज बर्न हो जाती हैं.

5.कपालभाति 1 मिनट में कितनी बार करना चाहिए?

हृदय रोगों, हाई ब्लड प्रेशर और पेट में गैस आदि शिकायतों में यह प्राणायाम धीरे धीरे करना चाहिये (60 बार एक मिनट में ) है।

कपालभाती प्राणायाम के फायदे जान चुके हैं, तो बिना देर करते हुए इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें। कपालभाति प्राणायाम को करने के बाद आपको कुछ ही वक्त में अपने अंदर बदलाव नजर आने लगेंगे। कपालभाति प्राणायाम को करने के बाद अपने अनुभव भी हमारे साथ जरूर शेयर करें और अगर आपको भी कपालभाति प्राणायाम के लाभ पता हैं, जो इस लेख में नहीं बताए गए हैं, तो उन्हें भी हमारे साथ शेयर कर सकते हैं।

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