Kidney stone in Hindi – कारण, लक्षण, इलाज : क्या आप जानते हैं कि पेट के निचले हिस्से में होने वाला दर्द पथरी की समस्या भी हो सकती है। यह गलत खानपान और अनियंत्रित जीवनशैली का नकारात्मक प्रभाव है। इसे Kidney Stone के नाम से जाना जाता है। अगर समय रहते इसका इलाज न करवाया जाए, तो यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। यही वजह है कि Osmgyan.in के इस लेख के माध्यम से हम Kidney Stone होने के कारण के साथ पथरी का इलाज और पथरी की दवा से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।
साथ ही लेख में हम आपको Kidney Stone का घरेलू इलाज भी बताएंगे, लेकिन आपको ध्यान रखना होगा कि घरेलू इलाज समस्या में कुछ हद तक ही राहत पहुंचा सकते हैं। पूर्ण इलाज के लिए डॉक्टरी इलाज और परामर्श अतिआवश्यक है।
पथरी ( Kidney Stone ) के कारण – Causes of Kidney Stone Hindi
निम्न बिन्दुओं के माध्यम से हम पथरी होने के कारण बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।
- मूत्र में कैल्शियम, ऑक्सालेट, सिस्टीन व यूरिक एसिड जैसे पदार्थों का स्तर बढ़ जाने से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है।
- किडनी रोग, कैंसर और एचआईवी के इलाज के लिए ली जा रही दवाओं से भी पथरी हो सकती है।
- उन चिकित्सीय स्थितियों के कारण भी पथरी विकसित हो सकती है, जो शरीर में कैल्शियम, ऑक्सालेट व यूरिक एसिड का स्तर बढ़ा देते हैं।
Types of Kidney Stone – Kidney Stone Ke Prakar
1. Calcium Oxalate Stones :
किडनी स्टोन का सबसे आम प्रकार कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन है। इसका परिणाम तब होता है जब मूत्र में साइट्रेट का निम्न स्तर और कैल्शियम का उच्च स्तर और या तो ऑक्सालेट या यूरिक एसिड होता है। कैल्शियम ऑक्सालेट पत्थरों को ऑक्सालेट में उच्च खाद्य पदार्थों से जोड़ा जाता है, जो पौधों और जानवरों में स्वाभाविक रूप से होने वाला पदार्थ है। इनमें बीट, ब्लैक टी, चॉकलेट, नट्स, आलू और पालक शामिल हैं।
यदि आप लगातार कैल्शियम ऑक्सालेट पत्थरों का विकास करते हैं, तो आपका डॉक्टर आपके मूत्र समारोह और चयापचय के और मूल्यांकन की सिफारिश कर सकता है। इसके लिए कम से कम 24 घंटे की अवधि के लिए रक्त परीक्षण और घर पर मूत्र संग्रह की आवश्यकता होती है। आपका डॉक्टर भी गुर्दे की पथरी के वापस आने की संभावना को कम करने के लिए आहार में बदलाव की सिफारिश कर सकता है।
2. Calcium Phosphate Stones :
कैल्शियम फॉस्फेट गुर्दे की पथरी मूत्र प्रणाली के कार्य करने के तरीके में असामान्यताओं के कारण होती है। आपका डॉक्टर यह निर्धारित करने के लिए रक्त और मूत्र परीक्षणों की एक श्रृंखला का आदेश दे सकता है कि क्या कोई मूत्र या गुर्दे की समस्या इस प्रकार के पत्थर का कारण बन सकती है, जो अक्सर कैल्शियम ऑक्सालेट पत्थरों के साथ होती है।
3. Struvite Stones :
महिलाओं में अधिक आम, कुछ प्रकार के मूत्र पथ के संक्रमण के परिणामस्वरूप स्ट्रुवाइट पत्थर बनते हैं। ये पथरी तेजी से बढ़ती है और बड़ी हो जाती है, कभी-कभी पूरे गुर्दे पर कब्जा कर लेती है। अनुपचारित छोड़ दिया, वे बार-बार और कभी-कभी गंभीर मूत्र पथ के संक्रमण और गुर्दा समारोह के नुकसान का कारण बन सकते हैं।
4. Uric Acid Stones :
पुरुषों में अधिक आम, यूरिक एसिड की पथरी उन लोगों में होती है जो पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं या पशु प्रोटीन में उच्च आहार लेते हैं। वे उन लोगों में भी होने की अधिक संभावना रखते हैं जिन्हें गाउट है, इस प्रकार के गुर्दे की पथरी का पारिवारिक इतिहास है, या जिनके पास कीमोथेरेपी है।
5. Cystine Stones :
सिस्टीन पथरी एक वंशानुगत आनुवंशिक विकार के कारण होती है जिसे सिस्टिनुरिया कहा जाता है जिससे मूत्र में अमीनो एसिड सिस्टीन का अत्यधिक मात्रा में संग्रह हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप गुर्दे, मूत्राशय और मूत्रवाहिनी में पथरी बन सकती है, जो मूत्र को गुर्दे से मूत्राशय तक ले जाती है।
पथरी के लक्षण – Symptoms of Kidney Stone in Hindi
शुरुआती समय में किडनी स्टोन के लक्षण बमुश्किल ही पता चलें, लेकिन समस्या जटिल होने पर इसके कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन्हें हम नीचे दिए गए बिन्दुओं के माध्यम से आसानी से समझ सकते हैं।
- पसलियों के ठीक नीचे पीठ में दर्द महसूस होना।
- पीठ में दर्द बढ़ने के साथ मतली और उल्टी आना।
- पेशाब में खून आना।
- गाढ़ा और बदबूदार पेशाब होना।
- कंपकंपी, पसीना और बुखार आना (किडनी स्टोन के कारण मूत्र संक्रमण की स्थिति में)।
- स्टोन के छोटे टुकड़े पेशाब के साथ बाहर आना (यूरिक एसिड स्टोन की स्थिति में)।
- मूत्र मार्ग में स्टोन आने के कारण तेज पेशाब लगने का एहसास होना।
पथरी का घरेलू इलाज – Home Remedies for Kidney Stone in Hindi
लेख के इस भाग में हम आपको गुर्दे की पथरी का घरेलू इलाज करने के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली उपयोगी सामग्रियों से संबंधित विस्तृत जानकारी दे रहे हैं।
सामग्री :
- दो बड़े चम्मच सेब का सिरका
- एक गिलास पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- पानी में सिरका मिलाएं और इसे पिएं।
- इस प्रक्रिया को दिन में भोजन से पहले एक बार अपनाया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
- सेब का सिरका पथरी की देशी दवा के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
- सेब के सिरके पर किए गए एक शोध में पाया गया कि सेब का सिरका यूरिनरी साइट्रेट के स्तर को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
- इस कारण यह किडनी स्टोन के बढ़ने की प्रक्रिया को रोकने का काम कर सकता है।
- इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि किडनी स्टोन के गंभीर जोखिमों से बचाव के लिए सेब के सिरके को उपयोग में लाया जा सकता है।
- इस प्रकार यह पथरी का दर्द कम करने भी सहायक हो सकता है।
2. नींबू का रस और जैतून का तेल
सामग्री :
- एक बड़ा चम्मच जैतून का तेल
- एक बड़ा चम्मच नींबू का रस
- एक गिलास पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- पानी में नींबू का रस और जैतून का तेल मिलाएं।
- अब इस मिश्रण को पी लें।
- समस्या अधिक होने पर इसे दिन में दो से तीन बार तक उपयोग में लाया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
- नींबू का प्रयोग कर पथरी का आयुर्वेदिक उपचार किया जा सकता है।
- इस बात की पुष्टि किडनी स्टोन से संबंधित दो अलग-अलग शोध से होती हैं।
- पथरी की आयुर्वेदिक दवा से संबंधित कोरियन जर्नल ऑफ यूरोलॉजी के शोध में जिक्र मिलता है कि नींबू के रस में मौजूद साइट्रिक एसिड पथरी बनने की प्रक्रिया को बाधित कर इसके बढ़ने के जोखिम को कम कर सकता है।
- साथ ही यह पथरी के कारण किडनी में होने वाली क्षति से बचाव में भी सहायक साबित हो सकता है।
- ऐसे में यह माना जा सकता है कि नींबू और जैतून पथरी का दर्द कम कर आराम पहुंचा सकते हैं।
- इसके लिए एक गिलास पानी में एक-एक चम्मच नींबू का रस और जैतून का तेल मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है।
3. अनार का जूस
सामग्री :
- 1 अनार
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले अनार के दानों को बाहर निकाल लें।
- अब अनार के दानों को जूसर में पीस लें। जूस ठीक से बने, इसलिए थोड़े पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
- पथरी का घरेलू उपचार करने के लिए अनार का जूस भी उपयोग किया जा सकता है।
- एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के एक शोध के मुताबिक, किडनी के लिए अनार का जूस फायदेमंद है।
- यह नेफ्रोटॉक्सिसिटी (किडनी में होने वाली विषाक्तता) से बचाव करता है।
- साथ ही अनार का नियमित सेवन किडनी स्टोन को बढ़ने से रोक सकता है।
- साथ ही यह किडनी स्टोन को कई टुकड़ों में विभाजित कर शरीर से बाहर निकालने में भी मदद कर सकता है।
- इतना ही नहीं यह मूत्र प्रणाली को रेगुलेट करने और पेशाब की जलन को कम करने का काम भी कर सकता है।
- यही कारण है कि पथरी की देशी दवा के रूप में इसे इस्तेमाल में लाना फायदेमंद साबित हो सकता है।
4. पानी
सामग्री :
- एक गिलास पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक से डेढ़ घंटे के अंतराल पर दिनभर एक-एक गिलास पानी पियें।
- इस प्रक्रिया को प्रतिदिन करीब 8 से 10 बार दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
- किडनी स्टोन की समस्या में पानी को एक बेहतरीन और उत्तम विकल्प कहा जा सकता है।
- गुर्दे की पथरी का इलाज से संबंधित चूहों पर किए गए एनसीबीआई के एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है।
- शोध में माना गया है कि पानी के छोटे-छोटे मॉलिक्यूल पथरी बनने की प्रक्रिया को रोक सकते हैं।
- साथ ही यह किडनी स्टोन का जोखिम पैदा करने वाले कैल्शियम और फास्फोरस को शरीर से बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
- यही वजह है कि किडनी स्टोन की समस्या में पथरी का दर्द कम करने के लिए डॉक्टर भी अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह देते हैं।
5. तुलसी
सामग्री :
- पांच-छह तुलसी की पत्तियां
- एक कप गर्म पानी
- शहद स्वादानुसार
कैसे करें इस्तेमाल :
- तुलसी की पत्तियों को 10 मिनट के लिए गर्म पानी में डूबा रहने दें।
- बाद में इसमें स्वादानुसार शहद मिलाएं।
- अब आराम से तुलसी की चाय का आनंद लें।
- एक दिन में दो-तीन कप तुलसी की चाय पी जा सकती है।
कैसे है लाभदायक :
- तुलसी में मौजूद औषधीय गुणों के कारण इसे आयुर्वेद में कई शारीरिक समस्याओं से राहत दिलाने के लिए एक औषधि के रूप में इस्तेमाल में लाया जाता है।
- खास यह है कि इसे पथरी का आयुर्वेदिक उपचार भी माना जा सकता है।
- यह बात तुलसी पर किए गए शोध से स्पष्ट होती है। शोध में माना गया है कि तुलसी की पत्तियों का अर्क कैल्शियम ओक्जीलेट (किडनी स्टोन पैदा करने वाला तत्व) को कम करने में मदद कर सकता है।
- इस कारण से तुलसी की पत्तियां पथरी बनने के जोखिम को कम करने में सहायक साबित हो सकती है।
- इस तथ्य के आधार पर पथरी की देशी दवा के तौर पर तुलसी को उपयोग किया जा सकता है।
- हालांकि, किडनी स्टोन में तुलसी में मौजूद कौन-सा तत्व कारगर है, यह जानने के लिए अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
6. टमाटर का जूस
सामग्री :
- दो टमाटर
- एक चम्मच नींबू का रस
कैसे करें इस्तेमाल :
- टमाटर के बीज निकालकर स्किन को ब्लेंडर में डालें और उसमें थोड़ा-सा पानी मिलाएं, ताकि जूस अच्छे से बन सके।
- अब ब्लेंडर में इसे अच्छे से ब्लेंड कर लें।
- जूस तैयार होने के बाद इसे गिलास में निकाल लें और इसमें एक चम्मच नींबू का मिला लें।
- टमाटर का जूस तैयार है, अब इसे पी लें।
- इस प्रक्रिया को हफ्ते में करीब दो बार तक दोहराया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
- पथरी का इलाज से संबंधित इंडियन जर्नल ऑफ यूरोलॉजी द्वारा टमाटर पर किए एक शोध में पाया गया कि टमाटर में प्रचुर मात्रा में साइट्रिक एसिड पाया जाता है।
- टमाटर में मौजूद यह साइट्रिक एसिड मूत्र में शामिल होने वाले ओक्जिलेट तत्व को कम करने में मदद कर सकता है, जो किडनी स्टोन के मुख्य कारणों में शामिल है।
- इस कारण टमाटर को पथरी का आयुर्वेदिक उपचार माना जा सकता है।
- हालांकि टमाटर के बीज निकालने के बाद ही इसका इस्तेमाल करें।
7. अंगूर
- अंगूर भी पथरी की देशी दवा में शामिल हैं।
- इसका सेवन करके भी किडनी की समस्या को बढ़ने से रोकने में मदद मिल सकती है।
- विशेषज्ञों के मुताबिक, साइट्रिक एसिड युक्त फल किडनी स्टोन बनने की प्रक्रिया की रोकथाम करने में कारगर साबित हो सकते हैं।
- खास यह है कि अंगूर में भी कुछ मात्रा में साइट्रिक एसिड पाया जाता है।
- इतना ही नहीं अंगूर के बीज भी इस मामले में सहायक साबित हो सकते हैं।
- इस संबंध में किए गए एक शोध में सीधे तौर पर पाया गया है कि लाल और सफेद अंगूर के बीज किडनी स्टोन बनने के जोखिम को कम कर सकते हैं।
- चूंकि, अंगूर ऐसा फल है, जिसे उसके बीजों के साथ खाया जाता है।
- इस आधार पर यह माना जा सकता है कि अंगूर खाने से किडनी स्टोन की समस्या और पथरी का दर्द दोनों में काफी हद तक मदद मिल सकती है।
8. डेंडेलियन रूट
सामग्री :
- एक छोटा चम्मच डेंडेलियन रूट
- एक गिलास गर्म पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक गिलास गर्म पानी में एक छोटा चम्मच डेंडेलियन रूट डालें और करीब 10 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- समय पूरा होने के बाद पानी को दूसरे गिलास में छान लें और धीरे-धीरे सिप करके पिएं।
- इस प्रक्रिया को दिन में करीब दो से तीन बार तक दोहराया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
- डेंडेलियन रूट से भी पथरी का आयुर्वेदिक उपचार संभव है।
- एनसीबीआई द्वारा डेंडेलियन पौधे के अर्क पर किए गए शोध में पाया गया कि यह किडनी स्टोन बनने की प्रक्रिया को रोक सकता है।
- साथ ही यह किडनी स्टोन के आकर को कम करने में भी कुछ हद तक कारगर साबित हो सकता है।
- इस आधार पर यह माना जा सकता है कि पथरी का घरेलू उपचार डेंडेलियन रूट के इस्तेमाल से किया जा सकता है।
- इससे तैयार ड्रिंक किडनी स्टोन से पीड़ित मरीजों को राहत पहुंचाने का काम कर सकती है।
9. सौंफ
सामग्री :
- एक चम्मच सौंफ पाउडर
- एक कप गर्म पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक कप गर्म पानी में एक चम्मच सौंफ पाउडर मिलाएं।
- अब इसे कुछ देर ऐसे ही छोड़ दें, ताकि मिश्रण ठंडा हो जाए।
- जब मिश्रण ठंडा हो जाए, तो इसे एक बार फिर अच्छे से मिलाएं और पी जाएं।
कैसे है लाभदायक :
- सौंफ से भी घरेलू तौर पर पथरी का उपचार संभव हो सकता है।
- सौंफ से संबंधित एक शोध में माना गया कि इसमें एंटी-यूरोलिथिएटिक (स्टोन को गलाने वाला) प्रभाव पाया जाता है।
- इसका मतलब सौंफ किडनी स्टोन बनने की प्रक्रिया को रोकने के साथ ही किडनी स्टोन के आकर को कम करने में भी मदद कर सकती है।
- इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि घरेलू पथरी की दवा के तौर पर सौंफ का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है।
10. बिच्छू पत्ती
सामग्री :
- दो बड़े चम्मच सूखी बिच्छू पत्तियां
- एक कप गर्म पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- सूखी बिच्छू पत्तियों को गर्म पानी में डालें और लगभग 10 मिनट तक पानी में रहने दें।
- अब चाय की तरह इसे आराम से पिएं।
- बेहतर लाभ के लिए एक दिन में 2-3 कप तक इसे पिया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
- बिच्छू पत्ती से भी पथरी का घरेलू उपचार संभव है।
- इंडियन जर्नल ऑफ मोल्यूकुलर साइंसेज के चूहों पर किए गए एक शोध में बिच्छू पत्ती को किडनी स्टोन में फायदेमंद माना गया है।
- शोध में माना गया है कि बिच्छू पत्ती का मेथेनोलिक अर्क स्टोन बनने की प्रक्रिया को रोकने के साथ ही स्टोन के आकार को कम करने में भी सक्षम है।
- इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि पथरी का उपचार करने के लिए बिच्छू पत्ती को उपयोग में लाया जा सकता है।
11. नारियल पानी
- नारियल पानी को भी किडनी स्टोन का इलाज करने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
- पंजाब मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक शोध में जिक्र मिलता है कि नारियल पानी का इस्तेमाल किडनी स्टोन से राहत दिला सकता है।
- शोध में माना गया है कि नारियल पानी किडनी स्टोन के आकार को कम करने में मदद कर सकता है।
- साथ ही मुक्त कणों के प्रभाव के कारण होने वाली किडनी की क्षति को ठीक करने में भी सहायक है।
- ऐसे में दिन में दो से तीन बार नारियल पानी का सेवन काफी हद तक इस समस्या में सुधार प्रदर्शित करने का काम कर सकता है।
12. बेकिंग सोडा
सामग्री :
- एक चम्मच बेकिंग सोडा
- एक गिलास गर्म पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक गिलास गर्म पानी में बेकिंग सोडा मिलाएं और धीरे-धीरे पी लें।
कैसे है फायदेमंद
- घरेलू पथरी की दवा के रूप में बेकिंग सोडा यानी सोडियम बाय कार्बोनेट को प्रयोग किया जा सकता है।
- एनसीबीआई के एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है।
- शोध में माना गया है कि कैल्शियम और यूरिक एसिड की अधिकता के कारण बनने वाले किडनी स्टोन को ब्रेक कर शरीर से बाहर निकालने में बेकिंग सोडा सहायक हो सकता है।
- यही कारण है कि इसकी मदद से किडनी स्टोन का इलाज करने में सहायता मिल सकती है।
13. एसपैरागस (शतावरी)
सामग्री :
- 200 ग्राम ताजी एसपैरागस (शतावरी)
- आवश्यकता के अनुसार पानी
- एक चुटकी नमक स्वाद के लिए
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक पैन में एसपैरागस को अच्छे से साफ करके डालें।
- अब पैन में इतना पानी डालें कि एसपैरागस इसमें डूब जाए।
- अब पानी को उबलने तक गर्म करें।
- पानी उबलने के बाद पैन में मौजूद पानी को किसी गिलास में निकाल लें।
- अब इसमें स्वाद के लिए एक चुटकी नमक डालें और चाय की तरह सिप करके पिएं।
कैसे है लाभदायक :
- एसपैरागस का उपयोग करके भी किडनी स्टोन की समस्या में राहत पाई जा सकती है।
- पथरी की आयुर्वेदिक दवा से संबंधित एक शोध में जिक्र मिलता है कि एसपैरागस के मेथेनोलिक अर्क में किडनी स्टोन के आकार को कम कर शरीर से मूत्र के सहारे बाहर निकालने का गुण पाया जाता है।
- इस कारण इसे घरेलू पथरी की दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
पथरी ( Kidney Stone ) में क्या खाना चाहिए? – What to Eat During Kidney Stone in Hindi
किडनी स्टोन आहार में निम्न चीजों को शामिल किया जा सकता है।
- हाई फाइबर से युक्त अनाज (जैसे :- गेहूं, जौ, बाजरा) को शामिल करें।
- लो ऑक्सलेट वाली सब्जियां (जैसे:- आर्टिचोक्स, एस्पैरेगस, लेट्यूस, मटर)।
- प्रोटीन के लिए फलियों को आहार में जगह दें (जैसे :- सोयाबीन, मटर, सेम, चना )।
- लो ऑक्सलेट वाले फल (जैसे :- सेब नाशपाती और खरबूजा)।
- साइट्रस फ्रूट (जैसे :- नींबू और लाइम)
पथरी ( Kidney Stone ) में परहेज – What to Avoid During Kidney Stone in Hindi
पथरी में परहेज की बात करें, तो विशेषज्ञों के मुताबिक हाई ओक्सीलेट और हाई सोडियम से युक्त खाद्य और एनीमल प्रोटीन किडनी स्टोन की समस्या को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, ऐसे पदार्थों के सेवन से इस दौरान बचने की सलाह दी जाती है, जो इस प्रकार हैं:
- नट्स और नट्स से बने उत्पाद
- मूंगफली
- पालक
- गेंहू का चोकर
- मांस
- अंडा
- मछली
- दूध, दही, मक्खन और अन्य दुग्ध उत्पाद
- सोया मिल्क, सोया फूड और सोया बटर
- टोफू
- सूरजमुखी के बीज
- मूली, गाजार, प्याज, लहसुन और अन्य हाई ओक्स्जीलेट और सोडियम युक्त सब्जियां
डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए
निम्न स्थितियां पैदा होने पर बिना देर किए किडनी स्टोन पीड़ित को डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
- कमर के पीछे या किनारे के हिस्से में अधिक दर्द हो।
- पेशाब में खून आने पर।
- बुखार या कंपकंपी की स्थिति में।
- उल्टी आने पर।
- बदबूदार और गाढ़ा पेशाब आने पर।
- पेशाब करने के दौरान जलन महसूस होने पर।
पथरी ( Kidney Stone ) का इलाज – Kidney Stone Treatment in Hindi
गुर्दे की पथरी का इलाज की बात करें, तो छोटे किडनी स्टोन बिना किसी इलाज के ही पेशाब के रास्ते शरीर के बाहर निकल जाते हैं। इस स्थिति में डॉक्टर मरीज को अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह दे सकते हैं, ताकि पेशाब के जरिए पथरी बाहर निकल जाए।
डॉक्टर उस पथरी को जमा करने के लिए कह सकत हैं, ताकि उसकी जांच करके उसके प्रकार का पता लगाया जा सके। वहीं, किडनी स्टोन से दर्द होने की स्थिति में डॉक्टर दर्दनिवारक दवा लेने की सलाह भी दे सकते हैं। इसके अलावा, अगर किडनी स्टोन आकार में बड़े हैं, तो डॉक्टर हॉस्पिटल में एडमिट कर निम्न इलाज के तरीकों को अपना सकते हैं:
- शॉक वेव लिथोट्रिप्सी- इलाज की इस प्रक्रिया में डॉक्टर एनेस्थीसिया का प्रयोग कर मरीज को बेहोश करते हैं। बाद में कुछ उपकरणों की सहायता वेवे थेरेपी के माध्यम से स्टोन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है, ताकि पथरी पेशाब के रास्ते आसानी से बाहर आ सके।
- सिस्टोस्कोपी एंड यूरीटेरोस्कोपी- सिस्टोस्कोपी में एक दूरबीन की मदद से डॉक्टर किडनी में मौजूद स्टोन की स्थिति का अनुमान लगाता है। वहीं, सही अनुमान मिलने के बाद यूरीटेरोस्कोपी के जरिए एक अलग दूरबीन की मदद से अधिक गहराई से किडनी स्टोन की जांच करते हैं। यह उपकरण सिस्टोस्कोपी में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण से अधिक लंबा और पतला होता है। सही स्थिति और आकार का पता लगाने के बाद डॉक्टर जरूरत के हिसाब से किडनी में मौजूद स्टोन को तोड़ देते हैं। इससे पेशाब के रास्ते स्टोन निकलना आसान हो जाता है।
- प्रिकोसनियास नेफ्रोलिथोटोमी- इलाज की इस प्रक्रिया में डॉक्टर पीठ में एक छोटा चीरा लगा कर एक उपकरण सीधे किडनी में डालते हैं, ताकि स्टोन की स्थिति का सही पता लगाया जा सके। बाद में लेजर की मदद से स्टोन को कई छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ दिया जाता है।
पथरी के इलाज के लिए होमियोपैथिक दवाई – Pathri Ki Homeopathic Dawa
- बर्बेरिस बल्गारिस (Berberis Vulgaris): – किडनी व पित्ताशय दोनों तरह की पथरी के लिए यह उत्तम दवा है. किडनी के जगह से दर्द शुरू होकर पेट के निचले हिस्से तक या पाँव तक दर्द का जाना, हिलने-डुलने या दबाव से दर्द बढ़ना, दर्द कम होने पर रोगी का दाहिने ओर झुकना, म्यूकस युक्त या चिपचिपा लाल या चमकदार लाल कण युक्त पेशाब होना, पेशाब में जलन होना, बार-बार पेशाब होना, पेशाब करने के बाद ऐसा महसूस होना जैसे कुछ पेशाब अभी रह गया हो, पेशाब करने पर जांघ या कमर में दर्द होना इत्यादि लक्षण में इस दवाई का सेवन करना चाहिए.
- लाइकोपोडियम (Lycopodium)
पेशाब होने से पहले कमर में तीव्र दर्द होना, दायें किडनी में दर्द व पथरी होना, मूत्रमार्ग से मूत्राशय तक जानेवाला दर्द होना, बार-बार पेशाब जाने की इच्छा होना, पेशाब में ईंट के चुरा जैसा लाल पदार्थ निकलना, किसी शीशी में पेशाब रखने पर नीचे लाल कण का जम जाना व पेशाब बिल्कुल साफ रहना, पेशाब धीरे-धीरे होना आदि लक्षणों में इस दवाई का सेवन करना चाहिए. - सारसापेरिला (Sarsaparilla)-
बैठकर पेशाब करने में तकलीफ होना व बूंद-बूंद पेशाब उतरना जबकि खड़े होकर पेशाब करने में आसानी से पेशाब उतरना, पेशाब का मटमैला होना व पेशाब में सफेद पदार्थ निकलना, पेशाब के अंत में असह्य दर्द होना व गर्म चीजों के सेवन से यह दर्द बढ़ना आदि लक्षणों में इस दवाई का सेवन करना चाहिए. - कैल्केरिया कार्ब (Calcarea Carb)
यह दवा दर्द दूर करने का उत्तम दवा है. किडनी के पथरी में इसे दिया जा सकता है. मूत्र नली में पथरी हो या पथरी के जगह पर तीव्र दर्द हो, रोगी को खूब पसीना आ रहा हो आदि लक्षणों में इस दवा का प्रयोग किया जा सकता है. - ओसिमम कैनम (Ocimum Canum)
तुलसी पत्ता से बनने वाली इस औषधि में यूरिक एसिड बनने के प्रवृति रोकने की गुण है अतः यूरिक एसिड से बनने वाली पथरी में यह दवा लाभकारी होता है. पेशाब में लाल कण आता हो, दाहिना तरफ किडनी के जगह पर दर्द हो तो इस दवा का सेवन किया जा सकता है.
पथरी ( Kidney Stone ) से बचाव – Prevention Tips for Kidney Stone in Hindi
निम्न बिंदुओं के माध्यम से हम पथरी की समस्या से बचाव संबंधी कुछ अहम बातें जान सकते हैं।
- प्रतिदिन करीब छह से आठ गिलास तक पानी पिएं।
- अगर शरीर का वजन सामान्य से अधिक है, तो उसे कम करने का प्रयास करें।
- खाने के लिए अगर सील बंद कोई स्नैक्स या अन्य खाद्य लेने जा रहे हैं,
- तो उसकी पैकिंग पर सोडियम और साल्ट की मात्रा चेक करें और लो सोडियम और साल्ट वाले खाद्य को ही सेवन में लाएं।
- नियमित रूप से व्यायाम करें या थोड़ा टहलें जरूर।
किडनी स्टोन से जुड़ी अहम बातों को जानने के बाद अब आप यह समझ गए होंगे कि समय रहते अगर ध्यान न दिया जाए, तो यह समस्या काफी जटिल हो सकती है। ऐसे में लेख में सुझाए गए सभी बचाव संबंधी उपायों को अपनाकर इस समस्या को समय रहते बढ़ने से रोका जा सकता है। वहीं, अगर समया जटिल हो गई है और किडनी स्टोन सिम्पटम्स दिखने लगे हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। उम्मीद है इस मामले में लेख में दी गई सभी जानकारियां किडनी स्टोन के नुकसान व जोखिमों को कम करने में सहायक साबित होंगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. कितने mm की पथरी निकल जाती है?
- 5 एमएम तक की पथरी है तो बिना ऑपरेशन के भी बाहर निकल सकती है,
- लेकिन उसके लिए सही इलाज और पानी का खूब सेवन जरूरी है।
- 6.5 एमएम से ज्यादा बड़ी पथरी का बिना ऑपरेशन बाहर निकलना संभव नहीं होता, जब तक वह टुकड़ों में न टूटे।
2. पथरी में क्या परहेज करना चाहिए?
- मांस, मछली, कोल्ड ड्रिंक्स आदि का सेवन न करें.
- फलों में स्ट्रॉबेरी और बेर के साथ ही अंजीर और किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स के सेवन से परहेज करना चाहिए.
- दूध और दूध से बने पदार्थ दही, पनीर और मक्खन आदि का सेवन न के बराबर करें.
- कैन सूप, नूडल्स, डीप फ्राई की हुई चीजें, जंक फ़ूड आदि से परहेज जरूरी है.
3. गुर्दे की पथरी के कारण पीठ में दर्द क्यों होता है?
- मूत्र मार्ग काफी सकरा होता है, इसलिए जब स्टोन किडनी से होकर मूत्र मार्ग में पहुंचता है,
- तो वह मूत्रमार्ग में तनाव पैदा करता है।
- इसी तनाव के कारण मूत्र मार्ग के साथ ही मूत्र मार्ग से संबंधित अन्य अंगों और मांसपेशियों में दर्द की स्थिति पैदा होती है।
- यही कारण है कि कुछ स्थितियों में किडनी स्टोन के कारण पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है।