Raksha Bandhan – रक्षा बंधन : रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है? रक्षा बंधन आने वाला है. ये सुनकर ही बहुत सी बहनों के चेहरों में खुशी झलक जाती है. और हो भी क्यूँ न ये भाई बहन का रिश्ता ही कुछ ऐसा होता है जिसे की शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है. ये रिश्ता इतना ज्यादा पवित्र होता है की इसका सम्मान पूरी दुनिभर में किया जाता है.

रक्षा बंधन, एक लोकप्रिय, पारंपरिक रूप से हिंदू, वार्षिक संस्कार, या समारोह है, जो दक्षिण एशिया में मनाए जाने वाले इसी नाम के त्योहार का केंद्र है, और दुनिया के अन्य हिस्सों में हिंदू संस्कृति से काफी प्रभावित है। इस दिन, सभी उम्र की बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी नामक ताबीज या ताबीज बांधती हैं, प्रतीकात्मक रूप से उनकी रक्षा करती हैं, बदले में उपहार प्राप्त करती हैं, और परंपरागत रूप से भाइयों को उनकी रक्षा की जिम्मेदारी का वादा उनसे करना होता है। रक्षा बंधन हिंदू चंद्र कैलेंडर माह श्रावण के अंतिम दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त में पड़ता है।

अभिव्यक्ति “रक्षा बंधन,” संस्कृत, शाब्दिक रूप से, “सुरक्षा, दायित्व, या देखभाल का बंधन,” अब मुख्य रूप से इस अनुष्ठान पर लागू होता है।

20 वीं शताब्दी के मध्य तक, अभिव्यक्ति अधिक सामान्यतः एक समान अनुष्ठान के लिए लागू होती थी, जिसे उसी दिन आयोजित किया जाता था, प्राचीन हिंदू ग्रंथों में प्राथमिकता के साथ, जिसमें एक घरेलू पुजारी ताबीज, आकर्षण, या उसकी कलाई पर धागे बांधता है।

संरक्षक, या अपने पवित्र धागे को बदलता है, और धन के उपहार प्राप्त करता है; कुछ जगहों पर अब भी ऐसा ही है। इसके विपरीत, लोक संस्कृति में मूल के साथ बहन-भाई त्योहार के नाम थे, जो स्थान के साथ भिन्न थे, कुछ को सालुनो, सिलोनो, और राकरी के रूप में प्रस्तुत किया गया था। सालुनो से जुड़ी एक रस्म में बहनें अपने भाइयों के कानों के पीछे जौ के अंकुर रखना शामिल करती थीं।

विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व का, रक्षा बंधन क्षेत्रीय या ग्राम बहिर्विवाह की प्रथा में निहित है, जिसमें एक दुल्हन अपने जन्म के गांव या शहर से बाहर शादी करती है, और उसके माता-पिता, प्रथा के अनुसार, उसके विवाहित घर में नहीं जाते हैं।

ग्रामीण उत्तर भारत में, जहां गांव बहिर्विवाह प्रबल रूप से प्रचलित है, बड़ी संख्या में विवाहित हिंदू महिलाएं समारोह के लिए हर साल अपने माता-पिता के घर वापस जाती हैं।

उनके भाई, जो आमतौर पर माता-पिता के साथ या आस-पास रहते हैं, कभी-कभी अपनी बहनों के विवाहित घर में उन्हें वापस लाने के लिए जाते हैं।

कई युवा विवाहित महिलाएं कुछ सप्ताह पहले अपने जन्म के घर पहुंचती हैं और समारोह तक रहती हैं। भाई अपनी बहनों के विवाहित और माता-पिता के घरों, के साथ-साथ उनकी सुरक्षा के संभावित भण्डारी के बीच आजीवन बिचौलियों के रूप में कार्य करते हैं।

शहरी भारत में, जहां परिवार तेजी से एकाकी होते जा रहे हैं, त्योहार अधिक प्रतीकात्मक हो गया है, लेकिन अत्यधिक लोकप्रिय बना हुआ है। इस त्योहार से जुड़े अनुष्ठान अपने पारंपरिक क्षेत्रों से परे फैल गए हैं और प्रौद्योगिकी और प्रवास के माध्यम से बदल गए हैं, फिल्में, सामाजिक संपर्क, और राजनीतिक हिंदू धर्म द्वारा प्रचार , राष्ट्र राज्य के अनुसार आदि।चलिए जानते है Raksha Bandhan – रक्षा बंधन के वारे में विस्तार से.


रक्षा बंधन क्या है : What is Raksha Bandhan in Hindi


  • रक्षा बंधन का पर्व दो शब्दों के मिलने से बना हुआ है, “रक्षा” और “बंधन“.
  • संस्कृत भाषा के अनुसार, इस पर्व का मतलब होता है की “एक ऐसा बंधन जो की रक्षा प्रदान करता हो”.
  • यहाँ पर “रक्षा” का मतलब रक्षा प्रदान करना होता है और “बंधन” का मतलब होता है एक गांठ, एक डोर जो की रक्षा प्रदान करे.
  • ये दोनों ही शब्द मिलकर एक भाई-बहन का प्रतिक होते हैं.
  • यहाँ ये प्रतिक केवल खून के रिश्ते को ही नहीं समझाता बल्कि ये एक पवित्र रिश्ते को जताता है.
  • यह त्यौहार खुशी प्रदान करने वाला होता है वहीँ ये भाइयों को ये याद दिलाता है की उन्हें अपने बहनों की हमेशा रक्षा करनी है.

रक्षाबंधन क्यों मनाते है : why celebrate Rakshabandhan


Raksha Bandhan - रक्षा बंधन

  • ये सवाल की रक्षा बंधन हम क्यूँ मानते हैं आप में से बहुतों के मन में जरुर होगा.
  • तो इसका जवाब है की यह त्यौहार असल में इसलिए मनाया जाता है क्यूंकि ये एक भाई का अपने बहन के प्रति कर्तव्य को जाहिर करता है.
  • वहीँ इसे केवल सगे भाई बहन ही नहीं बल्कि कोई भी स्त्री और पुरुष जो की इस पर्व की मर्यादा को समझते है वो इसका पालन कर सकते हैं.
  • इस मौके पर, एक बहन अपने भाई के कलाई में राखी बांधती है.
  • वहीँ वो भगवान से ये मांगती है की उसका भाई हमेशा खुश रहे और स्वस्थ रहे.
  • वहीँ भाई भी अपने बहन को बदले में कोई तौफा प्रदान करता है और ये प्रतिज्ञा करता है की कोई भी विपत्ति आ जाये वो अपने बहन की रक्षा हमेशा करेगा.
  • साथ में वो भी भगवान से अपने बहन ही लम्बी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की मनोकामना करता है.
  • वहीँ इस त्यौहार का पालन कोई भी कर सकता है फिर चाहे वो सगे भाई बहन हो या न हो.
  • अब शायद आपको समझ में आ ही गया होगा की रक्षा बंधन क्यूँ मनाया जाता है.

रक्षा बंधन का इतिहास : History of Raksha Bandhan in Hindi


राखी का त्यौहार पुरे भारतवर्ष में काफी हर्ष एवं उल्लाश के साथ मनाया जाता है. यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमें क्या धनी क्या गरीब सभी इसे मनाते हैं. लेकिन सभी त्योहारों के तरह ही राखी इन हिंदी के भी एक इतिहास है, ऐसे कहानियां जो की दंतकथाओं में काफी लोकप्रिय हैं. चलिए ऐसे ही कुछ रक्षा बंधन की कहानी इन हिंदी के विषय में जानते हैं.

सम्राट Alexander और सम्राट पुरु 

  • राखी त्यौहार के सबसे पुरानी कहानी सन 300 BC में हुई थी. उस समय जब Alexander ने भारत जितने के लिए अपनी पूरी सेना के साथ यहाँ आया था. उस समय भारत में सम्राट पुरु का काफी बोलबाला था.
  • जहाँ Alexander ने कभी किसी से भी नहीं हारा था उन्हें सम्राट पुरु के सेना से लढने में काफी दिक्कत हुई.
  • जब Alexander की पत्नी को रक्षा बंधन के बारे में पता चला तब उन्होंने सम्राट पुरु के लिए एक राखी भेजी थी जिससे की वो Alexander को जान से न मार दें.
  • वहीँ पुरु ने भी अपनी बहन का कहना माना और Alexander पर हमला नहीं किया था.

रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूँ 

  • रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूँ की कहानी का कुछ अलग ही महत्व है.
  • ये उस समय की बात है जब राजपूतों को मुस्लमान राजाओं से युद्ध करना पड़ रहा था अपनी राज्य को बचाने के लिए.
  • राखी उस समय भी प्रचलित थी जिसमें भाई अपने बहनों की रक्षा करता है.
  • उस समय चितोर की रानी कर्णावती हुआ करती थी. वो एक विधवा रानी थी.
  • और ऐसे में गुजरात के सुल्तान बहादुर साह ने उनपर हमला कर दिया.
  • ऐसे में रानी अपने राज्य को बचा सकने में असमर्थ होने लगी. इसपर उन्होंने एक राखी सम्राट हुमायूँ को भेजा उनकी रक्षा करने के लिए.
  • और हुमायूँ ने भी अपनी बहन की रक्षा के हेतु अपनी एक सेना की टुकड़ी चित्तोर भेज दिया. जिससे बाद में बहादुर साह के सेना को पीछे हटना पड़ा था.

 इन्द्रदेव की कहानी 

  • भविस्य पुराण में ये लिखा हुआ है की जब असुरों के राजा बाली ने देवताओं के ऊपर आक्रमण किया था तब देवताओं के राजा इंद्र को काफी क्ष्यती पहुंची थी.
  • इस अवस्था को देखकर इंद्र की पत्नी सची से रहा नहीं गया और वो विष्णु जी के करीब गयी इसका समाधान प्राप्त करने के लिए. तब प्रभु विष्णु ने एक धागा सची को प्रदान किया और कहा की वो इस धागे को जाकर अपने पति के कलाई पर बांध दें.
  • और जब उन्होंने ऐसा किया तब इंद्र के हाथों राजा बलि की पराजय हुई.
  • इसलिए पुराने समय में युद्ध में जाने से पूर्व राजा और उनके सैनिकों के हाथों में उनकी पत्नी और बहनें राखी बांधा करती थी जिससे वो सकुशल घर जीत कर लौट सकें.

 माता लक्ष्मी और राजा बलि की कहानी 

 

  • असुर सम्राट बलि एक बहुत ही बड़ा भक्त था भगवान विष्णु का.
  • बलि की इतनी ज्यादा भक्ति से प्रसन्न होकर विष्णु जी ने बलि के राज्य की रक्षा स्वयं करनी शुरू कर दी. ऐसे में माता लक्ष्मी इस चीज़ से परेशान होने लगी. क्यूंकि विष्णु जी अब और वैकुंठ पर नहीं रहते थे.
  • अब लक्ष्मी जी ने एक ब्राह्मण औरत का रूप लेकर बलि के महल में रहने लगी.
  • वहीँ बाद में उन्होंने बलि के हाथों में राखी भी बांध दी और बदले में उनसे कुछ देने को कहा.
  • अब बलि को ये नहीं पता था की वो औरत और कोई नहीं माता लक्ष्मी है इसलिए उन्होंने उसे कुछ भी मांगने का अवसर दिया.
  • इसपर माता ने बलि से विष्णु जी को उनके साथ वापस वैकुंठ लौट जाने का आग्रह किया.
  • इसपर चूँकि बलि से पहले ही देने का वादा कर दिया था इसलिए उन्हें भगवान विष्णु को वापस लौटना पड़ा.
  • इसलिए राखी को बहुत से जगहों में बलेव्हा भी कहा जाता है.

 

 कृष्ण और द्रौपधी की कहानी

 

  • लोगों की रक्षा करने के लिए Lord Krishna को दुष्ट राजा शिशुपाल को मारना पड़ा.
  • इस युद्ध के दौरान कृष्ण जी की अंगूठी में गहरी चोट आई थी.
  • जिसे देखकर द्रौपधी ने अपने वस्त्र का उपयोग कर उनकी खून बहने को रोक दिया था.
  • भगवान कृष्ण को द्रौपधी की इस कार्य से काफी प्रसन्नता हुई और उन्होंने उनके साथ एक भाई बहन का रिश्ता निभाया.
  • वहीं उन्होंने उनसे ये भी वादा किया की समय आने पर वो उनका जरुर से मदद करेंगे.
  • बहुत वर्षों बाद जब द्रौपधी को कुरु सभा में जुए के खेल में हारना पड़ा तब कौरवों के राजकुमार दुहसासन ने द्रौपधी का चिर हरण करने लगा.
  • इसपर कृष्ण ने द्रौपधी की रक्षा करी थी और उनकी लाज बचायी थी.

 

 महाभारत में राखी 

  • भगवान कृष्ण ने युधिस्तिर को ये सलाह दी की महाभारत के लढाई में खुदको और अपने सेना को बचाने के लिए उन्हें राखी का जरुर से उपयोग करना चाहिए युद्ध में जाने से पहले.
  • इसपर माता कुंती ने अपने नाती के हाथों में राखी बांधी थी वहीँ द्रौपधी ने कृष्ण के हाथो पर राखी बांधा था.

 

संतोषी माँ की कहानी 

  • भगवान गणेश के दोनों पुत्र सुभ और लाभ इस बात को लेकर परेशान थे की उनकी कोई बहन नहीं है.
  • इसलिए उन्होंने अपने पिता को एक बहन लाने के लिए जिद की.
  • इसपर नारद जी के हस्तक्ष्येप करने पर बाध्य होकर भगवान् गणेश को संतोषी माता को उत्पन्न करना पड़ा अपने शक्ति का उपयोग कर.
  • वहीँ ये मौका रक्षा बंधन ही था जब दोनों भाईओं को उनकी बहन प्राप्त हुई.

 

 यम और यमुना की कहानी 

 

  • एक लोककथा के अनुसार मृत्यु के देवता यम ने करीब 12 वर्षों तक अपने बहन यमुना के पास नहीं गए, इसपर यमुना को काफी दुःख पहुंची.
  • बाद में गंगा माता के परामर्श पर यम जी ने अपने बहन के पास जाने का निश्चय किया.
  • अपने भाई के आने से यमुना को काफी खुशी प्राप्त हुई और उन्होंने यम भाई का काफी ख्याल रखा.
  • इसपर यम काफी प्रसन्न हो गए और कहा की यमुना तुम्हे क्या चाहिए.
  • जिसपर उन्होंने कहा की मुझे आपसे बार बार मिलना है.
  • जिसपर यम ने उनकी इच्छा को पूर्ण भी कर दिया. इससे यमुना हमेशा के लिए अमर हो गयी.

भारत के दुसरे धर्मों में रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता है : How Raksha Bandhan is celebrated in other religions of India


चलिए अब जानते हैं की कैसे भारत के दुसरे धर्मों में रक्षा बंधन मनाया जाता है.

हिंदू धर्म में

  • यह त्यौहार हिंदू धर्म में काफी हर्ष एवं उल्लाश के साथ मनाया जाता है.
  • वहीँ इसे भरत के उत्तरी प्रान्त और पश्चिमी प्रान्तों में ज्यादा मनाया जाता है.
  • इसके अलावा भी दुसरे देशों में भी इसे मनाया जाता है जैसे की नेपाल, पाकिस्तान, मॉरिशस में भी मनाया जाता है.

जैन धर्म में 

  • जैन धर्म में उनके जैन पंडित भक्तों को पवित्र धागा प्रदान करते हैं.

Sikh धर्म में

  • सिख धर्म में भी इसे भाई और बहन के बीच मनाया जाता है.
  • वहीँ इसे राखाडी या राखरी कहा जाता है.
  • भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षा बंधन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है.
  • यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है.
  • इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बंधन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं.

रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है : How is Rakshabandhan celebrated


सभी त्योहारों के तरह ही रक्षा बंधन को मनाने की एक विधि होती है जिसका पालन करना बहुत ही आवश्यक होता है. चलिए इस विषय में विस्तार में जानते हैं.

रक्षाबंधन के दिन सुबह जल्दी उठकर नहा लेना होता है. इससे मन और शरीर दोनों ही पवित्र हो जाता है. फिर सबसे पहले भगवान की पूजा की जाती है. पुरे घर को साफ कर चरों तरफ गंगा जल का छिडकाव किया जाता है.

अब बात आती है राखी बांधने की. इसमें पहले राखी की थाली को सजाया जाता है. रक्षाबधंन के प्रवित्र त्याहार के दिन पितल की थाली मे ऱाखी ,चंदन ,दीपक ,कुमकुम, हल्दी,चावल के दाने नारियेल ओर मिठाई रखी जाती है.

अब भाई को बुलाया जाता है और उन्हें एक साफ़ स्थान में नीचे बिठाया जाता है. फिर शुरू होता है राखी बांधने की विधि. सबसे पहले बहन थाली के दीये को जलाती है, फिर बहन भाई के माथे पर तिलक चन्दन लगाती है. उसके बाद फिर भाई की आरती करती है.

उसके बाद वो अक्षत फेंकती हुई मन्त्रों का उच्चारण करती है. और फिर भाई के कलाई में राखी बांधती है. वहीँ फिर उसे मिठाई भी खिलाती है. यदि भाई बड़ा हुआ तब बहन उसके चरण स्पर्श करती है वहीँ छोटा हुआ तब भाई करता है.

अब भाई अपने बहन को भेंट प्रदान करता है. जिसे की बहन खुशी खुशी लेती है. एक बात की जब तक राखी की विधि पूरी न हो जाये तब तक दोनों को भूका ही रहना पड़ता है. इसके पश्चात राखी का रस्म पूरी होती है.


भारत के दुसरे प्रान्तों में रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता है


चूँकि भारत एक बहुत ही बड़ा देश है इसलिए यहाँ पर दुसरे दुसरे प्रान्तों में अलग अलग ढंग से त्योहारों को मनाया जाता है. चलिए अब जानते हैं की रक्षाबंधन को कैसे दुसरे प्रान्तों में मनाया जाता है.

 पश्चिमी घाट में रक्षाबंधन कैसे मानते है 

पश्चिमी घाट की बात करें तब वहां पर राखी को एक देय माना जाता है भगवान वरुण को. जो की समुद्र के देवता है. इस दिन वरुण जी को नारियल प्रदान किये जाते हैं. इस दिन नारियल को समुद्र में फेंका जाता है. इसलिए इस राखी पूर्णिमा को नारियल पूर्णिमा भी कहा जाता है.

 दक्षिण भारत में रक्षाबंधन कैसे मानते है

दक्षिण भारत में, रक्षा बंधन को अवनी अबित्तम भी कहा जाता है. ये पर्व ब्राह्मणों के लिए ज्यादा महत्व रखता है. क्यूंकि इस दिन वो स्नान करने के बाद अपने पवित्र धागे (जनेयु) को भी बदलते हैं मन्त्रों के उच्चारण करने के साथ. इस पूजा को श्रावणी या ऋषि तर्पण भी कहा जाता है. सभी ब्राह्मण इस चीज़ का पालन करते हैं.

 उत्तरी भारत में रक्षाबंधन कैसे मानते है 

उत्तरी भारत में रक्षा बंधन को कजरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इस पर्व के दौरान खेत में गेहूं और दुसरे अनाज को बिछाया जाता है. वहीं ऐसे मौके में माता भगवती की पूजा की जाती है. और माता से अच्छी फसल की कामना की जाती है.

 गुजरात में रक्षाबंधन कैसे मानते है

गुजरात के लोग इस पुरे महीने के प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग के ऊपर पानी चढाते हैं. इस पवित्र मौके पर लोग रुई को पंच्कव्य में भिगोकर उसे शिव लिंग के चारों और बांध देते हैं. इस पूजा को पवित्रोपन्ना भी कहा जाता है.

 ग्रंथो में रक्षाबंधन 

यदि आप ग्रंथो में देखें तब आप पाएंगे की रक्षाबंधन को ‘पुन्य प्रदायक ‘ माना गया है. इसका मतलब की इस दिन अच्छे कार्य करने वालों को काफी सारा पुन्य प्राप्त होता है.

रक्षाभंदन को ‘विष तारक‘ या विष नासक भी माना जाता है. वहीँ इसे ‘पाप नाशक’ भी कहा जाता है जो की ख़राब कर्मों को नाश करता है.


रक्षा बंधन का महत्व


  • रक्षाबंधन का महत्व सच में सबसे अलग होता है.
  • ऐसा भाई बहन का प्यार शायद ही आपको कहीं और देखने को मिले किसी दुसरे त्यौहार में.
  • ये परंपरा भारत में काफी प्रचलित है और इसे श्रावन पूर्णिमा के लिए मनाया जाता है.
  • यह एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें की बहन भाई के हाथों में राखी बांधकर उससे अपने रक्षा की कसम लेती है.
  • वहीँ भाई का भी ये कर्तव्य होता है की वो किसी भी परिस्थिति में अपने बहन की रक्षा करे.
  • सच में ऐसा पवित्र पर्व आपको दुनिया में कहीं और देखने को न मिले.
  • राखी का त्यौहार श्रावन के महीने में पड़ता है, इस महीने में गर्मी के बाद बारिस हो रही होती है,
  • समुद्र भी शांत होता है और पुर वातावरण भी काफी मनमोहक होता है.
  • ये महिना सभी किशानों, मछवारे और सामुद्रिक यात्रा करने वाले व्यवसायों के लिए भी काफी महत्व रखता है.
  • रक्षाबंधन को नारियली पूर्णिमा भी कहा जाता है भारत के सामुद्रिक तट इलाकों में.
  • इस दिन वर्षा के देवता इंद्र और सुमद्र के देवता वरुण की पूजा की जाती है.
  • वहीँ देवताओं को नारियल अर्पण किये जाते हैं और खुशहाली की कामना की जाती है.
  • इसमें नारियल को समुद्र में फेंका जाता है या कोई दुसरे पानी के जगह में.
  • लोगों का मानना है की प्रभु श्रीराम भी माता सीता को छुड़ाने के लिए इसी दिन अपनी यात्रा प्रारंभ की थी.
  • उन्होंने समुद्र को पत्थरों से निर्मित पुल के माध्यम से पार किया था जिसे की वानर सेना ने बनाया था.
  • नारियल के उपरी भाग में जो तीन छोटे छोटे गड्ढे होते हैं उसे प्रभु शिवजी का माना जाता है.
  • मछवारे भी अपने मछली पकड़ने की शुरुवात इसी दिन से करते हैं क्यूंकि इस समय समुद्र शांत होता है और उन्हें पानी में जाने में कोई खतरा नहीं होता है.
  • किशानों के लिए ये दिन कजरी पूर्णिमा होता है. किशान इसी दिन से ही अपने खेतों में गेहूं की बिज बोते हैं और अच्छी फसल की कामना करते हैं भगवान से.
  • ये दिन ब्राह्मणों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण होता है.
  • क्यूंकि इस दिन वो अपने जनेयु को बदलते हैं मन्त्रों के उचार्रण के साथ.
  • वहीँ वो इस पूर्णिमा को ऋषि तर्पण भी कहते हैं.
  • वहीँ विधि के ख़त्म हो जाने के बाद ये आपस में नारियल से निर्मित मिठाई खाते हैं.

रक्षा बंधन की तारीख आगामी वर्ष के लिए : Raksha Bandhan date for upcoming year


11 August 2022गुरूवार
30 August 2023बुधवार
19 August 2024सोमवार
9 August 2025शनिवार
28 August 2026शुक्रवार

 


Raksha Bandhan Quotes in Hindi


कभी हमसे लड़ती है, कभी हमसे झगड़ती है, लेकिन बिना कहे हमारी हर बात को समझने का हुनर भी बहन ही रखती है। हैप्पी रक्षा बंधन !!

कच्चे धागों में समाया हुआ है, ढेर सारा प्यार और अपनापन। भाई और बहन का प्यार लेकर फिर से आया है, सावन।। शुभ रक्षाबंधन !!

बहन कभी नहीं मांगती है, सोने-चाँदी के हार। उसे तो सिर्फ चाहिए, भाई का प्यार-दुलार।। राखी की शुभ कामनायें !!

यह लम्हा कुछ खास है, बहन के हाथों में भाई का हाथ है। ओ बहना तेरे लिए मेरे पास कुछ खास है, तेरे सुकून की खातिर मेरी बहना, तेरा भाई हमेशा तेरे साथ है।। रक्षाबंधन की शुभकामनायें!!

खुश किस्मत होती है, वो बहन जिसके सर पर भाई का हाथ होता है। लडना झगडना फिर प्यार से मनाना, तभी तो यह रिश्ता इतना प्यार होता है। हैप्पी रक्षाबंधन !!


रक्षाबंधन को छोड़कर ऐसा कौन सा त्यौहार जो की भाई बहन के प्यार को दर्शाता है : Apart from Raksha bandhan, which festival shows the love of brother and sister


  • रक्षाबंधन के तरह ही एक दूसरा त्यौहार भी है जो की भाई बहन के प्यार को दर्शाता है.
  • इसे त्यौहार का नाम है भाईदूज. इस त्यौहार में भाई बहन के रिश्ते को मजबूती प्रदान करने के लिए मनाया जाता है.
  • इसमें बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती है और उनके अच्छे स्वास्थ्य की मनोकामना करती हैं.
  • वहीँ भाई भी सदा अपने बहन के साथ खड़ा होने के प्रतिज्ञा करते हैं.
  • वहीँ दोनों एक दुसरे को मिठाई खिलाते हैं और भाई अपने बहन को तौफे देता है.
  • लोग अपने पारंपरिक पोषाक धारण करते हैं जिससे की पर्व की गरिमा बनी रहे. व
  • हीँ ये केवल भाई बहन के आपसी मेल मिलाप का ही समय नहीं होता बल्कि पूरा परिवार एक दुसरे के साथ अच्छा समय व्यतीत करता है.

राखी क्यों बांधी जाती है


  • राखी का धागा भाई-बहन, परिवार, दोस्तों और प्रियजनों के बीच शाश्वत बंधन का प्रतीक है।
  • हिंदू संस्कृति में, यह किसी भी बुराई से सुरक्षा का भी प्रतिनिधित्व करता है।
  • इसे दुर्भाग्य को दूर करने वाला भी कहा जाता है।

राखी कौन से हाथ में बांधी जाती है


राखी को दाहिने हाथ की कलाई पर बांधना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1. What is Raksha Bandhan and why is it celebrated : रक्षा बंधन क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है?

Raksha Bandhan का शाब्दिक अर्थ “सुरक्षा” और “बंधन”, रक्षा बंधन एक भाई और उसकी बहन के बीच अद्वितीय बंधन का जश्न माना जाता है । यह त्यौहार श्रावण के हिंदू कैलेंडर महीने में पूर्णिमा के दिन या पूर्णिमा को मनाया जाता है।

2. What does Raksha Bandhan means : रक्षा बंधन का क्या अर्थ है

रक्षा बंधन, जिसे राखी भी कहा जाता है, हिंदू त्योहार है जो भाईचारे और प्रेम का जश्न माना जाता है। यह चंद्र कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रक्षा शब्द का अर्थ है सुरक्षा, जबकि बंधन क्रिया है माने बाँधना। … राखी अक्सर करीबी करीबी दोस्तों के बीच भी साझा की जाती है।

3. Is Raksha Bandhan for sister : क्या बहन के लिए है रक्षा बंधन?

रक्षा बंधन एक खुशी का अवसर है जो भाई-बहनों के बीच प्यार के गहरे बंधन का जश्न माना जाता है। लेकिन किसने कहा कि रक्षा एक भाई ही कर सकता है? यह महत्वपूर्ण है कि हम रक्षा बंधन को नया रूप दें और इस मानसिकता से बाहर निकलें कि यह केवल बहनों की रक्षा के लिए भाई के बंधन या व्रत के रूप में मनाया जाना है।

4. Can a wife tie Rakhi to her husband : क्या पत्नी अपने पति को राखी बांध सकती है?

इसका जवाब है हां, आप अपने पति को राखी बांध सकती हैं। कैसे? … “राखी रक्षा का वादा व्यक्त करने वाला एक धागा है। जो व्यक्ति राखी बांधता है, उसे राखी बांधने वाले की रक्षा करनी चाहिए।”

5. Do Muslims celebrate rakhi : क्या मुसलमान राखी मनाते हैं?

राखी एक हिंदू त्योहार है जिसे कई मुसलमान उत्साह के साथ मनाते हैं। यह देखते हुए कि सुंदर सजावटी धागा अपने भाई के लिए एक बहन के प्यार की पुष्टि करता है, त्योहार का चरित्र समावेशी है।

6. Who celebrates Raksha Bandhan : रक्षा बंधन कौन मनाता है?

हिन्दू धर्म , जैन धर्म , बुद्ध धर्म , सिख धर्म

7. What is Raksha Bandhan called in English : रक्षा बंधन को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

इसका अर्थ है “सुरक्षा का बंधन”; भाइयों, चचेरे भाइयों और बहनों के बीच संबंधों का जश्न मनाने वाला एक सार्वभौमिक भारतीय त्योहार; इसमें एक बहन द्वारा अपने भाई की कलाई पर राखी (पवित्र धागा) बांधना शामिल है।

8. Can I tie rakhi to God : क्या मैं भगवान को राखी बांध सकता हूं?

आप महावीर हनुमान और विघ्नहर्ता गणपति को भाई मानकर राखी बांध सकते हैं। … बहनों को अपने भाइयों के अलावा भगवान हनुमान और गणपति को राखी बांधने से भगवान से अधिक आशीर्वाद मिलता है। ऐसा माना जाता है कि रक्षा बंधन के दिन भगवान हनुमान को राखी बांधने से भाइयों और बहनों के बीच का गुस्सा शांत होता है।

9. Who first started Raksha Bandhan : रक्षा बंधन की शुरुआत सबसे पहले किसने की?

नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने बंगाल विभाजन (1905) के दौरान एक सामूहिक रक्षा बंधन उत्सव को शुरू किया था , जिसमें उन्होंने हिंदू और मुस्लिम महिलाओं को दूसरे समुदाय के पुरुषों पर राखी बांधने और उन्हें अपना भाई बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

10. Can a sister tie rakhi to her sister : क्या कोई बहन अपनी बहन को राखी बांध सकती है?

राखी बांधने के अलावा आप अपनी बहन, चाचा, चाची या यहां तक कि अपने पिता को भी राखी बांध सकते हैं।

11. What do you wish your sister on Rakhi : राखी पर आप अपनी बहन को क्या शुभकामनाएं देते हैं?

आप हमेशा खुश रहें और स्वास्थ्य के गुलाबी रंग में रहें। आपको राखी की बहुत बहुत शुभकामनाएं। राखी की ढेर सारी शुभकामनाएं, प्यारी बहन

12. What can I write to my sister on Raksha Bandhan : रक्षा बंधन पर मैं अपनी बहन को क्या लिख सकता हूँ?

भगवान मेरी देवदूत बहन को ढेर सारी खुशियां, स्वास्थ्य, धन और सफलता प्रदान करें। ,आप जैसी बहन का होना जीवन में सबसे अच्छा दोस्त होने जैसा है,आइए एक साथ और अधिक मनोरंजक यादें बनाने का वादा करें। हैप्पी रक्षा बंधन प्यारी बहन!

13. On which hand Rakhi is tied : राखी किस हाथ पर बाँधी जाती है?

भाई और बहन के बीच साझा किए गए खूबसूरत बंधन को मनाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर बहन अपने भाई के हाथ की दाहिनी कलाई पर राखी बांधती है। सजाया हुआ धागा एक वादा है जो भाई अपनी बहन से जीवन भर उसकी रक्षा के लिए करता है।

14. Which God is Worshipped on Raksha Bandhan : रक्षा बंधन पर किस भगवान की पूजा की जाती है?

रक्षा बंधन एक अनुष्ठान है जिसका पालन भगवान यम (मृत्यु के देवता) और उनकी बहन यमुना द्वारा किया जाता है। यमुना ने यम को राखी बांधी और अमरत्व प्रदान किया। यम इस अवसर की शांति से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने घोषणा की कि जो कोई भी अपनी बहन से राखी बंदवायेगा और उसकी रक्षा का वादा करेगा, वह अमर हो जाएगा।

15. When did rakhi start in India : भारत में राखी की शुरुआत कब हुई?

नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने बंगाल विभाजन (1905) के दौरान एक सामूहिक रक्षा बंधन का उत्सव शुरू किया, जिसमें उन्होंने हिंदू और मुस्लिम महिलाओं को दूसरे समुदाय के पुरुषों पर राखी बांधने और उन्हें अपना भाई बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

16. How long does Raksha Bandhan last : रक्षा बंधन कितने समय तक चलता है?

रक्षा बंधन सूत्र समारोह का समय 06:15 से 17:31 तक है। (अवधि: 11 घंटे 16 मिनट)

17. What is the full form of rakhi : राखी का फुल फॉर्म क्या है?

Rational Admirable Kindly Heartening Innocent.

18. When was first Raksha Bandhan celebrated : पहला रक्षा बंधन कब मनाया गया था?

Raksha Bandhan, 17 August 1951.

19. What is the story behind rakhi : राखी के पीछे की कहानी क्या है?

अधिकांश हिंदू अनुष्ठानों के रूप में, रक्षा बंधन इतिहास और पौराणिक कथाओं में निहित है। महाभारत की घटनाओं के दौरान, किंवदंती बताती है कि जब भगवान कृष्ण ने गलती से अपने ‘सुदर्शन चक्र’ पर अपनी उंगली उठाई, तो राजकुमारी द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ दिया और रक्तस्राव को रोकने के लिए उसे अपनी उंगली से बांध दिया।

20. When should Rakhi be removed : राखी कब उतारनी चाहिए?

उदाहरण के लिए, महाराष्ट्रीयन संस्कृति के अनुसार, रक्षा बंधन के दिन से 15 वें दिन राखी को हटाया जा सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि 15 वें दिन, पोला नामक एक त्योहार मनाया जाता है, जब किसानों को भगवान मारबोट देव और बैल जैसे पालतू जानवरों की पूजा करने के लिए कहा जाता है।

 

 

 

 

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