गायत्री माता आरती : Gayatri Mata Aarti : गायत्री वह दैवी शक्ति है जिससे सम्बन्ध स्थापित करके मनुष्य अपने जीवन विकास के मार्ग में बड़ी सहायता प्राप्त कर सकता है। परमात्मा की अनेक शक्तियाँ हैं, जिनके कार्य और गुण पृथक् पृथक् हैं। उन शक्तियों में गायत्री का स्थान बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। यह मनुष्य को सद्बुद्धि की प्रेरणा देती है। गायत्री से आत्मसम्बन्ध स्थापित करने वाले मनुष्य में निरन्तर एक ऐसी सूक्ष्म एवं चैतन्य विद्युत् धारा संचरण करने लगती है, जो प्रधानतः मन, बुद्धि, चित्त और अन्तःकरण पर अपना प्रभाव डालती है। बौद्धिक क्षेत्र के अनेकों कुविचारों, असत् संकल्पों, पतनोन्मुख दुर्गुणों का अन्धकार गायत्री रूपी दिव्य प्रकाश के उदय होने से हटने लगता है। यह प्रकाश जैसे- जैसे तीव्र होने लगता है, वैसे- वैसे अन्धकार का अन्त भी उसी क्रम से होता जाता है।


गायत्री माता आरती


जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता,

सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता

जयति जय गायत्री माता

आदि शक्ति तुम अलख निरञ्जन जग पालन कर्त्री

दुःख, शोक, भय, क्लेश, कलह दारिद्रय दैन्य हर्त्री

जयति जय गायत्री माता

ब्रहृ रुपिणी, प्रणत पालिनी, जगतधातृ अम्बे

भवभयहारी, जनहितकारी, सुखदा जगदम्बे

जयति जय गायत्री माता

 

भयहारिणि भवतारिणि अनघे, अज आनन्द राशी

अविकारी, अघहरी, अविचलित, अमले अविनाशी

जयति जय गायत्री माता

 

कामधेनु सत् चित् आनन्दा, जय गंगा गीता

सविता की शाश्वती शक्ति तुम सावित्री सीता

जयति जय गायत्री माता

 

ऋग्, यजु, साम, अथर्व, प्रणयिनी, प्रणव महामहिमे

कुण्डलिनी सहस्त्रार सुषुम्ना, शोभा गुण गरिमे

जयति जय गायत्री माता

स्वाहा, स्वधा, शची, ब्रहाणी, राधा, रुद्राणी

जय सतरुपा, वाणी, विघा, कमला, कल्याणी

जयति जय गायत्री माता

जननी हम है, दीन हीन, दुःख दरिद्र के घेरे

यदपि कुटिल, कपटी कपूत, तऊ बालक है तेरे

जयति जय गायत्री माता

 

स्नेहसनी करुणामयि माता, चरण शरण दीजै

बिलख रहे हम शिशु सुत तेरे, दया दृष्टि कीजै

जयति जय गायत्री माता

काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव, द्वेष हरिये

शुद्ध बुद्धि, निष्पाप हृदय, मन को पवित्र करिये

जयति जय गायत्री माता

 

तुम समर्थ सब भाँति तारिणी, तुष्टि, पुष्टि त्राता

सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता

जयति जय गायत्री माता

 

जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता

सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता

जयति जय गायत्री माता

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