कम सोने के नुकसान – Kam Sone Ke Nuksan In Hindi : आजकल लोग नींद को भुलाकर या तो अपने कामों में लगे रहते हैं या फिर स्मार्ट फोन में व्यस्त हो जाते हैं। पोषक तत्वों, खाद्य पदार्थों और पानी की तरह ही अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी है। यदि पर्याप्त नींद न ली जाए, तो कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। Osmgyan.in के इस लेख में हम विस्तार से कम सोने के नुकसान बता रहे हैं। यहां कम नींद लेने के नुकसान के साथ ही एक दिन में कितनी नींद लेनी चाहिए, इसकी जानकारी भी दी गई है. चलिए शुरू करते है.

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कम सोने के नुकसान – Kam Sone Ke Nuksan In Hindi


कम सोने के नुकसान – Kam Sone Ke Nuksan In Hindi

अपर्याप्त नींद या यूं कहें कि कम नींद लेने के नुकसान मानसिक और शारीरिक रूप से देखने को मिल सकते हैं। यहां हम कम सोने के नुकसान बता रहे हैं।

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दिन में सोने से क्या होता है?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सर्दियों में दिन में सोने से आपको पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे- कब्ज, गैस, अपच आदि हो सकती हैं। इसके अलावा मोटापे और डायबिटीज का भी खतरा होता है। आयुर्वेद में भी दिन में न सोने की हिदायत दी गई है, खासकर ठंड में। इस समय दिन में सोने से कफ और पित्त का संतुलन बिगड़ जाता है।

कम सोने से प्रतिरक्षा प्रभावित होती है


  • माना जाता है कि कम सोने के कारण न सिर्फ प्रतिरक्षा प्रणाली, बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है।
  • एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट के अनुसार, नींद का इम्यूनोलॉजिकल प्रोसेस यानी प्रतिरक्षा प्रक्रिया के साथ एक मजबूत संबंध है।
  • इसी वजह से कहा जाता है कि यदि कोई लंबे समय तक पूरी नींद नहीं लेता, तो उसे इम्यूनो डेफिशियेंसी (प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना) हो सकती है।
  • रिसर्च में बताया गया है कि नींद पूरी न होना या फिर रात को सही से नींद न आना तनाव की स्थिति काे दर्शाता है।
  • ऐसे में कम नींद और तनाव दोनों मिलकर प्रतिरक्षा को कमजोर करने और सामान्य स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालने का काम कर सकते हैं।
  • अध्ययन लगातार यह प्रदर्शित करते हैं कि नींद हमलावर एंटीजन के खिलाफ कार्य करके अनुकूल प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ावा देती है।
  • शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि कम सोने वाले लोगों पर बीमारियों से बचाने वाली वैक्सीन भी सही तरीके से काम नहीं करती।
  • वैक्सीन लगाने के बाद भी बीमारी से बचने की जगह व्यक्ति उस बीमारी के प्रति और संवेदनशील हो सकता है।
  • अध्ययन से यह पता चलता है कि कम सोने के कारण वैक्सीन से इम्यून सिस्टम एक्टीवेट तो हो जाता है.
  • लेकिन बैक्टीरिया व वायरस से बचाव की क्षमता को खो देता है।

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रात में कितने बजे सोना चाहिए?

सामान्य व्यक्ति के लिए कितने घंटे की नींद जरूरी है इस पर कई तरह के शोध हो चुके हैं। चूंकि अलग-अलग व्यक्ति की नींद की जरूरतें कम या ज्यादा हो सकती हैं इसलिए कम से कम 6 घंटे और ज्यादा से ज्यादा 9 घंटे तक की नींद सही मानी जाती है।


कम सोने से मूड खराब होता है 


  • कम सोने के नुकसान में खराब मूड को भी शामिल किया जा सकता है।
  • दरअसल, नींद की कमी और नींद की गुणवत्ता का सीधा संबंध न सिर्फ हमारी मस्तिष्क की कार्य प्रणाली, बल्कि हमारे इमोशन यानी भावनाओं के साथ भी होता है.
  • जिसका हमारे मूड पर भी असर पड़ सकता है।
  • शोध के अनुसार, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए एक सामान्य व्यक्ति को हर रात कम से कम सात से आठ घंटे की नींद की जरूरत होती है।
  • यदि अपर्याप्त नींद होगी, तो मूड में बदलाव होगा और व्यक्ति चिड़चिड़ा हो सकता है।
  • साथ ही इससे चिंता, अवसाद और मूड स्विंग जैसी समस्या भी हो सकती है।
  • रिसर्च की मानें, तो नींद की कमी वयस्कों, किशोरों और बच्चों के मूड को समान रूप से प्रभावित करती है।
  • मूड खराब होने की वजह से मानसिक स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • इससे न सिर्फ आक्रामकता बढ़ती है, बल्कि जल्दी गुस्सा भी आ सकता है।

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सोने और जागने का सही समय क्या है?

व्यक्ति को हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में जागना चाहिए। सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पूर्व का समय ब्रह्ममुहूर्त कहलाता है। दक्षिण में पैर रखकर सोने से व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा का क्षय हो जाता है और वह जब सुबह उठता है तो थकान महसूस करता है, जबकि दक्षिण में सिर रखकर सोने से ऐसा कुछ नहीं होता।


कम सोने से प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ता है


  • कम नींद लेने के नुकसानों में से एक प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव भी है।
  • दरअसल, लगातार नींद की कमी से शुक्राणुओं की संख्या और इनके जीवित रहने की दर यानी सर्वाइवल रेट भी कम हो सकता है।
  • साथ ही कम नींद लेने से एंटीस्पर्म एंटीबॉडी का स्तर बढ़ता है.
  • जिससे शुक्राणुओं को और नुकसान पहुंचता है। इससे प्रजनन क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।
  • दरअसल, नींद की कमी से महिलाओं के कंसीव करने की क्षमता और प्रजनन हार्मोन दोनों प्रभावित होते हैं।
  • साथ ही मासिक धर्म, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति को भी कम नींद नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।

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खाना खाने के बाद कितने घंटे बाद सोना चाहिए?

अंतिम भोजन और बिस्तर पर जाने के बीच तीन घंटे का अंतराल होना चाहिए.


कम सोने से मोटापे की समस्या बढ़ती है 


  • लगातार नींद में कमी या खराब नींद की गुणवत्ता के कारण मोटापे की आशंका भी बढ़ सकती है।
  • इस विषय पर हुए एक रिसर्च के अनुसार, 5 घंटे या उससे कम की नींद की अवधि से बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) यानी बॉडी फैट में वृद्धि होती है।
  • कम सोना ही नहीं, बल्कि नींद में पड़ने वाले खलल के कारण भी आगे चलकर मोटापा होने का खतरा रहता है।
  • यही नहीं, लेप्टिन यानी भोजन की तृप्ति का एहसास कराने वाले हार्मोन का स्तर कम सोने से घटना शुरू हो जाता है।
  • इससे रात को बार-बार खाने का मन होता है और शरीर में अतिरिक्त कैलोरी जमा होने लगती है.
  • जिससे चर्बी बढ़ सकती है। इसी वजह से कहा जाता है कि कम सोने से मोटापे का जोखिम बढ़ता है।

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कौन सी दिशा में मुंह रखकर सोना चाहिए?

हिंदू धर्म में सूर्य को जीवनदाता के रूप में माना गया है. ऐसे में पूरब दिशा में पैर करके सोना शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए पूरब दिशा मे सिर रखना अच्छा होता है.


कम सोने से अवसाद होता है 


  • अपर्याप्त नींद अवसाद की समस्या का भी एक कारण है।
  • नींद और अवसाद को लेकर हुए एक शोध में भी इस बात की पुष्टि हाेती है।
  • रिसर्च में पाया गया है कि कम मात्रा में नींद लेने से 25 से 38 प्रतिशत तक अवसाद का खतरा बढ़ जाता है।
  • कम नींद से मूड खराब होने की आशंका भी अधिक हो जाती है, जो अवसाद का एक लक्षण है।
  • साथ ही नींद की खराब गुणवत्ता का सीधा असर हमारी मस्तिष्क प्रणाली पर भी पड़ता है.
  • जिससे मूड खराब हो सकता है और अवसाद की स्थिति बन सकती है।

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मोबाइल लेकर सोने से क्या होता है?

आजकल ज्यादतर लोग अपना मोबाइल सिरहाने रख कर सोते हैं. रात को सोते वक्त रेडिएशन की वजह से आपका राहु मजबूत हो जाता है. ये अपना सबसे बुरा प्रभाव बारहवें भाव में देता है और आपका सिरहाना बारहवें भाव में होता है. ऐसे में फोन को सिरहाने रखने से बचिए वरना फायदे की जगह ज्यादा नुकसान हो सकता है.


कम सोने से एजिंग की समस्या होती है 


  • एजिंग यानी त्वचा पर उम्र से पहले ही बुढ़ापे के लक्षण दिखना भी अपर्याप्त नींद के कारण हो सकता है।
  • एक शोध के अनुसार, नींद में कमी होने के कारण फाइन लाइन्स, असमान पिगमेंटेशन और त्वचा की इलास्टिसिटी में कमी आ सकती है।
  • रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि होती है कि अपर्याप्त नींद लेने वाले अधिक थके हुए दिखते हैं.
  • उनकी पलकें लटकी हुई, आंखें लाल और सुजी हुई दिखती हैं।
  • साथ ही आंखों के नीचे काले घेरे, त्वचा पीली और अधिक झुर्रियां दिखाई देने लगती है।

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सूर्यास्त के समय सोने से क्या होता है?

ये समय भजन-पूजन, देवी-देवता के स्मरण, मंत्र जाप, देव दर्शन आदि के लिए होता है। ज्योतिष के अनुसार, सूर्यास्त के समय सोने वाले जातक के भाग्य में अनेक बाधाएं आती हैं। उसे परिश्रम के अनुसार फल नहीं मिलता। ऐसे लोग दुर्भाग्य को आमंत्रण देते हैं।


कम सोने से रक्तचाप की समस्या होती है 


  • नींद की कमी और कम नींद की अवधि के कारण उच्च रक्तचाप की समस्या भी हो सकती है।
  • इस पर हुए एक रिसर्च से पता चलता है कि नींद की कमी, कम नींद की अवधि और नींद की खराब गुणवत्ता इन सभी का उच्च रक्तचाप से संबंध है।
  • दरअसल, नींद की कमी या नींद की गुणवत्ता में बदलाव एक न्यूरोबायोलॉजिकल और शारीरिक तनाव के रूप में कार्य करता है.
  • जो मस्तिष्क के कार्यों को बिगाड़ता है। इससे हाइपरटेंशन यानी रक्तचाप की समस्या का खतरा भी बढ़ सकता है।

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रात में कैसे सोया जाता है?

कभी भी अधोमुख होकर, दूसरे के बिस्तर पर, गंदे घर में या टूटे हुए खाट पर भी नहीं सोना चाहिए. रात में सोने से 2 घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए और रात में सादा और हल्का भोजन ही करना चाहिए. रात में अच्छी नींद के लिए खाने के बाद वज्रासन उसके बाद भ्रामरी प्राणायाम और अंत में शवासन करते हुए सो जाना चाहिए.

कम सोने से कैंसर हो सकता है 


  • कम नींद लेने के नुकसान में कैंसर को भी शामिल किया जा सकता है।
  • एक शोध के अनुसार, नींद की अवधि कम होने या फिर नींद में कमी होने पर कैंसर का कारण बनने वाले ट्यूमर के गठन का जाेखिम बढ़ सकता है।
  • शोध में इस बता का भी जिक्र मिलता है कि नींद में कमी के कारण ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।
  • दरअसल, पर्याप्त नींद मेलाटोनिन हार्मोन के स्तर काे बढ़ा सकता है, जिसमें एंटीप्रोलिफेरेटिव प्रभाव होता है।
  • एंटीप्रोलिफेरेटिव प्रभाव कैंसर की कोशिकाओं के गठन को रोकने में मदद कर सकता है।
  • ऐसे में अगर इंसान कम नींद लेता है, तो मेलाटोनिन का स्तर प्रभावित हाेता है और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

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पेट के बल सोने से क्या फायदा है?

नींद के लिए सही पोजीशन के मामले में सही विकल्‍प कई कारकों जैसे उम्र, पीठ या कंधे के दर्द और स्लीप एपनिया जैसी स्थितियों से प्रभावित होता है। दोनों पीठ और पेट के बल सोना संभवतः अच्छा दृष्टिकोण है। जो आपके लिए आरामदायक होगा, जिससे आप अच्छी नींद ले सकते हैं।


कम सोने से पाचन की समस्या हो सकती है 


  • नींद की खराब गुणवत्ता न सिर्फ व्यक्ति को मानसिक रूप से प्रभावित करती है.
  • बल्कि इसका असर पाचन संबंधी विकार के रूप में भी देखने को मिल सकता है।
  • एक रिसर्च में इस बात का जिक्र मिलता है कि नींद की गड़बड़ी पाचन विकारों के साथ ही कई तरह के आंत संबंधी विकारों को ट्रिगर करती है।
  • इन विकारों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी विकार जैसे कि एसिड, पेप्टिक रोग, आंतों में सूजन, लिवर संबंधी रोग, आदि शामिल हैं।
  • इसके अलावा, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, सीने में जलन, अधिक भूख ल्रगना या पेट फूलना, मतली, उल्टी और गैस्ट्रिक एसिड की समस्या भी नींद की कमी के कारण हो सकती हैं।
  • यहीं नहीं, खराब नींद गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी विकारों के लक्षणों को और बिगाड़ सकती है.
  • जिससे जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

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कम नींद लेने से क्या होता है?

नींद की कमी से भी स्ट्रेस बढ़ता है और ये तनाव कई समस्याओं की वजह बनता है. इसकी वजह से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और महिलाओं में चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग, पीरियड की अनियमितता, मोटापा जैसी परेशानियां हो जाती हैं. ये परेशानियां अन्य बीमारियों को न्योता देती हैं.


आपको कितनी नींद की जरूरत होती है – How Much Sleep Do You Need in Hindi


एक स्वस्थ बच्चे से लेकर वयस्कों को चौबीस घंटे में अलग-अलग नींद की अवधि की आवश्यकता होती है।

  • नवजात को 16 से 18 घंटे की नींद लेनी चाहिए
  • बच्चों के लिए 10 से 12 घंटे की नींद जरूरी है
  • किशोरों को 9 से 10 घंटे की नींद लेना अनिवार्य है
  • वयस्कों को दिन में 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए

बेशक, खानपान और व्यायाम शरीर को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं, लेकिन इन सभी के साथ पर्याप्त नींद लेना भी स्वस्थ जीवनशैली का एक अहम हिस्सा है। इसको लेकर की गई थोड़ी सी लापरवाही भी आगे चलकर बीमारी का रूप ले सकती है। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि पूरी नींद न लेने से असमय बुढ़ापा आ सकता है। बस तो पूरी नींद लेकर खुद को बीमारियों से दूर जवां और फ्रेश रखें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या काम सोना आपको बीमार कर सकता है?

हां, नींद की कमी आपको बीमार कर सकती है। इसके कारण प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, जिसकी वजह से कई प्रकार के इंफेक्शन और बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही कम सोने से पाचन संबधी परेशानी भी बढ़ सकती है।

2. थके होने पर भी हमें नींद क्यों नहीं आती?

थकान होने पर भी हमें नींद न आना नींद से जुड़ी बीमारी जैसे कि इंसोमेनिया का संकेत हो सकता है।

3. क्या नींद संक्रमण से लड़ने में मदद करती है?

हां, नींद संक्रमण से लड़ने में मदद करती है। दरअसल, अच्छी नींद प्रतिरक्षा को बढ़ाकर शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले एंटीजन के खिलाफ कार्य कर सकती है। इससे संक्रमण का खतरा कम किया जा सकता है।

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