5 रुपए का सिक्का कब बना था : इतिहास, डिजाइन, दिलचस्प जानकारियाँ : हर देश की अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा होते हैं सिक्के और नोट, जो रोज़मर्रा की लेन-देन में उपयोग किए जाते हैं। भारत में भी अलग-अलग समय पर कई प्रकार के सिक्के बनाए गए हैं, जिनमें से एक प्रमुख सिक्का है – 5 रुपए का सिक्का। इस लेख में हम जानेंगे कि भारत में 5 रुपए का सिक्का पहली बार कब जारी किया गया था, उसका इतिहास, डिजाइन, और इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियाँ।
📜 5 रुपए के सिक्के का इतिहास : पहली बार कब बना?
भारत में 5 रुपए का सिक्का पहली बार वर्ष 1985 में जारी किया गया था। यह सिक्का भारतीय रिज़र्व बैंक की अनुमति से भारत सरकार द्वारा ढाला गया था।
💠 प्रारंभिक विशेषताएं:
-
धातु: कॉपर-निकेल मिश्र धातु
-
वजन: लगभग 13 ग्राम
-
आकार: गोल, किनारा उभरा हुआ
-
डिज़ाइन: एक तरफ अशोक स्तंभ और दूसरी ओर अंकित मूल्य ₹5
🔄 धातु और डिज़ाइन में बदलाव:
समय के साथ भारत सरकार ने सिक्के के डिजाइन और धातु में बदलाव किए:
वर्ष | धातु | वजन | खास बदलाव |
---|---|---|---|
1985 | कॉपर-निकेल | ~13g | पहला संस्करण |
1992 | स्टेनलेस स्टील | ~9g | हल्का और छोटा |
2009 | फेरिटिक स्टेनलेस स्टील | ~6g | आधुनिक डिजाइन, गोल कोने |
2020 | विज़ुअली इम्पेयर लोगों के लिए खास डिज़ाइन (छोटा आकार, अलग किनारा) |
💡 5 रुपए के सिक्के से जुड़ी रोचक बातें :
-
5 रुपए का सिक्का भारत में सबसे ज्यादा चलन वाला सिक्का बन चुका है।
-
कई बार इसे विशेष अवसरों (जैसे महापुरुषों की जयंती, घटनाओं की वर्षगांठ आदि) पर कॉमेमोरेटिव कॉइन के रूप में भी जारी किया गया है।
-
बाजार में कभी-कभी पुराने 5 रुपए के सिक्के ज्यादा मूल्य पर बिकते हैं, खासकर कलेक्टर्स के बीच।
✅ निष्कर्ष :
भारत में 5 रुपए का सिक्का पहली बार 1985 में जारी किया गया था और तब से लेकर अब तक यह कई बदलावों से गुज़र चुका है। डिज़ाइन, धातु और वजन में किए गए सुधार इसे अधिक टिकाऊ और उपयोगकर्ता अनुकूल बनाते हैं।
यह सिक्का न सिर्फ हमारी आर्थिक व्यवस्था का हिस्सा है बल्कि हमारी धरोहर और इतिहास का प्रतीक भी है।