Seasonal depression (SAD) kya hota hai : Seasonal Affective Disorder (SAD) एक प्रकार का डिप्रेशन है जो हर साल एक ही मौसम में होता है — खासतौर पर सर्दियों में।
यह तब होता है जब दिन छोटे, रातें लंबी हो जाती हैं और सूरज की रोशनी कम मिलने लगती है।
यह मानसिक स्थिति पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है, और आमतौर पर 18 से 40 वर्ष की उम्र के लोगों को प्रभावित करती है।
⚠️ SAD के लक्षण (Symptoms) :
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हर समय उदासी और चिड़चिड़ापन
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काम में मन न लगना
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हर समय थकावट महसूस होना
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ज्यादा नींद आना या नींद पूरी न होना
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वजन बढ़ना या भूख बहुत बढ़ जाना
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अकेलापन और दूसरों से दूर रहना
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चीजों में रुचि खत्म हो जाना
🧠 SAD के कारण :
1. धूप की कमी
सर्दियों में सूरज की रोशनी कम मिलती है, जिससे शरीर में serotonin नामक हार्मोन की कमी हो जाती है जो मूड को regulate करता है।
2. Melatonin का असंतुलन
अंधेरे में शरीर में melatonin ज़्यादा बनता है जिससे नींद आती है और ऊर्जा कम होती है।
3. बॉडी क्लॉक का डिस्टर्ब होना
धूप की कमी से हमारी बॉडी की प्राकृतिक घड़ी (biological clock) गड़बड़ा जाती है जिससे मूड और नींद दोनों प्रभावित होते हैं।
✅ क्या करना चाहिए :
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रोजाना धूप में 20-30 मिनट बिताएं, चाहे सुबह की धूप हो।
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हल्का व्यायाम और योग करें — serotonin बढ़ाने में मदद करता है।
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अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं।
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अपनी नींद और खाने की आदतें नियमित रखें।
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मोटिवेशनल किताबें पढ़ें और पॉजिटिव सोच बनाए रखें।
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ज़रूरत हो तो डॉक्टर या काउंसलर से सलाह लें — SAD पूरी तरह ठीक हो सकता है।
❌ क्या नहीं करना चाहिए :
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खुद को अकेले कमरे में बंद न रखें।
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ज्यादा सोने या अनहेल्दी खाने की आदत न डालें।
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नकारात्मक विचारों को बढ़ावा न दें।
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SAD को “सिर्फ मूड स्विंग” समझकर नजरअंदाज न करें।
🥗 क्या खाना चाहिए :
ऐसे फूड्स खाएं जो मूड को बेहतर बनाएं और serotonin लेवल बढ़ाएं:
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केले, बादाम, अखरोट
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ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले फूड्स (जैसे मछली, अलसी के बीज)
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डार्क चॉकलेट (थोड़ी मात्रा में)
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हरी पत्तेदार सब्जियां और फल
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हल्दी वाला दूध
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प्रोटीन युक्त चीजें जैसे अंडा, पनीर, दालें
❌ क्या नहीं खाना चाहिए :
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बहुत ज्यादा मीठा या जंक फूड
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अधिक कैफीन या शराब
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तले-भुने और प्रोसेस्ड फूड्स
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भारी और late night खाना
🧘 निष्कर्ष :

Seasonal Depression (SAD) एक आम लेकिन गंभीर समस्या है, जिसे समय रहते पहचाना और संभाला जा सकता है।
थोड़ी सी जागरूकता, सही खानपान, नियमित दिनचर्या और खुली धूप आपकी मानसिक सेहत को सर्दियों में भी मजबूत बनाए रख सकती है।
याद रखें – ठंड का मौसम बाहर का हो सकता है, लेकिन अंदर हमेशा गर्मी और रोशनी बनाए रखनी है।
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क्या आप जानते है :